कर्नाटक में स्थापित है भारत की सबसे अधिक स्थापित ग्रिड-इंटरैक्टिव अक्षय ऊर्जा क्षमता, जानें क्या होगा इसका फायदा?

Grid-Interactive Renewable Energy: भारत के सभी राज्यों की ग्रिड-इंटरैक्टिव अक्षय ऊर्जा की कुल स्थापित क्षमता की तुलना में कर्नाटक राज्य काफी आगे निकल गया है। आरबीआई ने हाल ही में एक रिपोर्ट प्रकाशित की है जिसके अनुसार, राज्य की कुल स्थापित क्षमता 15,463 मेगावाट (मेगावाट) बताई गई है।

रिपोर्ट में क्या कहा गया?

इस रिपोर्ट में देश के सभी राज्यों की अक्षय ऊर्जा में भागीदारी के बारे में बताया गया है। जिसमें 15,225 मेगावाट के साथ तमिलनाडु दूसरे स्थान पर स्थापित है। इसके अलावा राजस्थान (10,205 मेगावाट), आंध्र प्रदेश (8,969 मेगावाट), मध्य प्रदेश (5,206 मेगावाट), तेलंगाना (4,378 मेगावाट), उत्तर प्रदेश (3,879 मेगावाट), पंजाब (1,617 मेगावाट) और हिमाचल प्रदेश (988 मेगावाट) और उत्तराखंड (713 मेगावाट) है।

भारतीय राज्यों के आंकड़ों 2021-22 के अनुसार, गुजरात 13,153 मेगावाट के साथ तीसरे स्थान पर, महाराष्ट्र 10,267 मेगावाट के साथ चौथे स्थान पर स्थापित है। इस प्रकाशन के माध्यम से, रिज़र्व बैंक भारत की क्षेत्रीय अर्थव्यवस्थाओं पर व्यापक डेटा की जानकारी मिली है।

आरबीआई की रिपोर्ट

आरबीआई ने एक बयान जारी कर कहा, अक्षय ऊर्जा में विभिन्न स्रोतों से बिजली शामिल है जैसे जैव-शक्ति, सौर ऊर्जा, लघु जल विद्युत, अपशिष्ट से ऊर्जा और पवन ऊर्जा आदि।

भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा ‘भारतीय राज्यों पर सांख्यिकी की हैंडबुक 2021-22’ शीर्षक से अपने सांख्यिकीय प्रकाशन का सातवां संस्करण जारी किया गया है। इस प्रकाशन में 1951 से 2021-22 तक की विभिन्न समयावधियों में भारतीय राज्यों में सामाजिक-जनसांख्यिकी, राज्य घरेलू उत्पाद, कृषि, मूल्य और मजदूरी, उद्योग, बुनियादी ढांचे, बैंकिंग और वित्तीय संकेतकों पर उप-राष्ट्रीय आंकड़े शामिल किए गए हैं। इस संस्करण में स्वास्थ्य और पर्यावरण नामक दो नए खंड को पेश किया है।

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Dr. Kirti Sisodia

Content Writer

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