अब दिल्ली से मेरठ तक का सफर सिर्फ 55 मिनट का होगा। इसके लिए भारत की पहली हाईस्पीड ट्रेन सामने आ चुकी है। इस रैपिड ट्रेन की कोच को गुजरात के सांवली में एल्सटॉम कंपनी ने तैयार किया है। मई 2022 में साहिबाबाद से दुहाई तक 17 किमी पहले चरण में ट्रायल रन शुरू होगा। मार्च-2023 से पहले चरण में रैपिड रेल का संचालन शुरू कर होगा। जिसके लिए 210 कोच 40 (ट्रेनसेट) की जल्द डिलीवरी होगी। दुहाई से मेरठ दक्षिण तक 20 किमी लंबे कॉरिडोर पर दिसंबर-2023 में ट्रेन का संचालन शुरू हो जाएगा।
क्या होंगी सुविधाएं?
कोच में बैठते ही यात्री अपनी सीट से ही अपने स्टेशन के आने का समय जान सकेगा। सीट के ठीक सामने लगे डिजिटली स्क्रीन पर समय के साथ स्टेशन का नाम दिखाई देगा। इन स्क्रीन्स पर स्टेशनों पर ट्रेन के तय समय दिखाई देते रहेंगे, जिससे यात्री को अपने डेस्टिनेशन के समय के बारे में जानकारी मिलेगी। साथ ही यात्री के लिए सीट के बराबर में ही मोबाइल और लैपटॉप चार्जिंग प्वाइंट दिया गया है। जिससे वह आसानी से जरूरी काम बिना किसी रुकावट के पूरा कर सकेगा। रैपिड ट्रेन में दिव्यांगों के लिए व्हीलचेयर की जगह को तय किया गया है। अगर कोई व्यक्ति बीमार है तो वह भी दिल्ली से मेरठ स्ट्रेचर पर कोच के अंदर ले जाया जा सकेगा।
सेक्योरिटी का रखा गया है पूरा ध्यान
स्टेशन पर जरूरी सुरक्षा व्यवस्था के साथ कोच के अंदर सीसीटीवी कैमरों की सहायता से सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा गया है। इससे कोच के अंदर असामाजिक तत्व किसी भी तरह की गतिविधि को नही कर सकेंगे।
दूसरे चरण में मेरठ से साउथ तक होगी शुरू
रैपिड ट्रेन के पहले चरण में साहिबाबाद से दुहाई तक पांच स्टेशनों (साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर, दुहाई, दुहाई डिपो) पर संचालन शुरू होंगे जिसके बाद दिसंबर-2023 तक दूसरे चरण में रैपिड रेल का संचालन मेरठ साउथ तक किया जाएगा।
एडवांस्ड है रैपिड ट्रेन
– कोच में यात्रियों के लिए पर्याप्त जगह होगी
– प्रत्येक सीट पर मोबाइल व लैपटॉप चार्जिंग सॉकेट और वाईफाई की सुविधा मिलेगी
– दिव्यांगों के लिए दरवाजों के पास व्हील चेयर की जगह व स्ट्रेचर ले जाने की सुविधा
– कोट को टांगने के लिए होंगे हुक, मैगजीन होल्डर की भी सुविधा
– जरूरत के हिसाब से प्रकाश की व्यवस्था
– ब्रेकिंग सिस्टम के जरिए पैदा होने वाली ऊर्जा का होगा उपयोग