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पिछले कुछ सालों में भारत के साथ अरब देशों के संबंध लगातार अच्छे हुए हैं। एक तरफ जहां अरब देशों का भारत में निवेश बढ़ा है तो वहीं दूसरी तरफ भारत भी अरब देशों में Food Exports में पहले नंबर पर आ गया है। पहली बार यह हुआ है कि 15 सालों में भारत ने ब्राजील को पीछे छोड़कर अरब देशों में नंबर वन फूड सप्लायर बना गया है।
जारी आंकड़े बताते हैं कि पिछले साल 22 सदस्यों वाले अरब लीग ने ब्राजील से कुल कृषि प्रोडक्ट्स का 8.15 फीसद आयात किया था जबकि भारत से अरब क्षेत्र का आयात 8.25 प्रतिशत रहा। अरब क्षेत्रों में ब्राजील पिछले 15 वर्षों में नंबर वन फूड सप्लायर था पर जारी आंकड़े बताते हैं कि भारत ने ब्राजील को पछाड़कर पहले पायदान पर अपना स्थान बनाया है।
भारी मांग और बाजार की वजह से अरब क्षेत्र खाद्य उत्पादों के लिए काफी प्रतिस्पर्धी क्षेत्र है। लेकिन कोविड महामारी की वजह से पारंपरिक शिपिंग रास्तों में रुकावट की वजह से ब्राजील भारत से पिछड़ गया। इसके साथ ही टर्की, अमेरिका, फ्रांस और अर्जेंटीना ने भी ब्राजील को पीछे छोड़ दिया है। चैंबर की रिपोर्ट के मुताबिक के एक समय पर ब्राजील से निकलने वाली शिपमेंट सिर्फ 30 दिन के भीतर ही अरब देशों तक पहुंच जाती थी। पर अब उसमें 60 दिन का समय लगता है, जबकि भौगोलिक स्थितियों के कारण भारत 1 सप्ताह में ही अरब देशों को फल, सब्जियां, चीनी, अनाज और मांस पहुंचा देता है।
ब्राजील के पिछड़ने का यह मतलब नहीं है कि उसका निर्यात कम हुआ है। बल्कि पिछले साल ब्राजील का अरब देशों की तरफ कृषि निर्यात 1.4 फीसद बढ़कर 8.17 बिलियन डॉलर हुआ था। चैंबर के उपलब्ध आंकड़ों की माने तो इसी साल जनवरी से अक्टूबर के बीच कुल बिक्री 6.78 बिलियन डॉलर रही है जो कि 5.5 फीसदी ज्यादा है। इसका कारण लॉजिस्टिक्स की परेशानी का हल कुछ हद तक सुलझना भी है।
भारत के लिए यह एक महत्वपूर्ण समय है। जहां एक तरफ अरब क्षेत्र एक बड़ा खरीददार है, वहीं भारत तेजी से उभरती अर्थव्यवस्था। एक बेहतर बाजार की समझ को विकसित कर भारत तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।