Highlights:
- भारत में स्थापित होगा ग्रफीन इनोवेशन सेंटर।
- केरल के त्रिशूर में होगी इनोवेशन सेंटर की स्थापना।
- 86.41 करोड़ रुपए है कुल लागत।
देश का पहला ‘ग्राफीन नवाचार केंद्र’
हाल ही में केरल राज्य सरकार ने यह घोषणा की है, कि केरल के त्रिशूर में भारत का पहला ग्राफीन इनोवेशन सेंटर बनाया जाएगा। जो ग्राफीन अनुसंधान और विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। केंद्र सरकार ने इस प्रोजेक्ट के लिए 86.41 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। इस इनोवेशन सेंटर को केरल सरकार, केरल डिजिटल विश्वविद्यालय, सी मेट और टाटा स्टील लिमिटेड की मदद से तैयार किया जाएगा। इसमें राज्य सरकार प्रोजेक्ट हेतु बुनियादी ढ़ांचा मुहैया कराएगी तो केंद्र सरकार ग्राफीन उत्पादों को विकसित करने के लिए निवेशकों को आकर्षित करेगी।
क्या है ग्राफीन ?
ग्राफीन एक मजबूत पदार्थ होता है जो स्टील से 100 से 200 गुना ज्यादा मजबूत होता है। इसे साइंटिस्ट दुनिया का सबसे मजबूत चीज मानते हैं। यह ट्रांसपिरेंट होने के साथ ही हल्का होता है और अच्छे इलेक्ट्रिकल कंडक्टिविटी और केमिकल स्टेबिलिटी वाला होता है। ग्राफीन के इन्हीं गुणों की वजह से आने वाले समय में इसका उपयोग इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में wonder material के रूप में किया जाएगा। ग्राफीन का उपयोग टेनिस रैकेट, बायोलॉजिकल इंजिनियरिंग, एनर्जी स्टोरेज, फिल्टरेशन, लुब्रिकेंट्स, बैटरी जैसी चीजों में किया जा सकता है। ग्राफीन में जंग रोधी कोटिंग होती है जिसकी वजह से इसका उपयोग दवा वितरण, सेंसर, पेंट और सौर पैनलों में भी किया जाता है।
ग्राफीन के विकास और अनुसंधान से बदली जा सकती है दुनिया
अब तक के रिसर्च में ग्राफीन अभूतपूर्व रूप से रोचक वस्तु के रूप में सामने आयी है। 2004 में खोजी गई ग्राफीन आज बड़े काम की चीज है। वैज्ञानिकों का कहना है कि भविष्य के लिए इससे शक्तिशाली बैटरी बनाने की दिशा में काम किया जा रहा जो इतनी छोटी हो सकती है कि इसे कपड़ों और त्वचा में भी छिपाया जा सकता है। आने वाले समय में ट्रांसपोर्ट के वाहन और सामानों की सुरक्षा के लिए भी इसका उपयोग बड़े स्तर पर होगा।
ग्राफीन इनोवेशन सेंटर वैज्ञानिक अनुसंधान के साथ-साथ देश के औद्योगिक क्षेत्र को भी बढ़ावा देगी। जो भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए भी क्रांति साबित होगी।