
हर चैस प्लेयर का यह सपना होता है वह ग्रैंडमास्टर खिताब को
अपने नाम करे। इस सपने को पूरा किया है 20 वर्षीय हर्षित राजा ने। हर्षित भारत के
69वें ग्रैंडमास्टर(जीएम) बन गए हैं। डेनिस वैगनर के खिलाफ बील मास्टर्स ओपन 2021
में अपने खेल को ड्रॉ करने के बाद हर्षित राजा ग्रैंडमास्टर बनें। हर्षित पूणे के
रहने वाले हैं। वह अमेरिका के मिजौ विश्वविद्यालय से फाइनेंस और इकोनौमिक्स में
दोहरी डिग्री की पढ़ाई कर रहे हैं।
विश्व शतरंज संगठन, FIDE द्वारा चैस खिलाड़ियों को ग्रैंडमास्टर (GM)
की उपाधि से सम्मानित किया जाता हैं। यह चैस का सबसे बड़ा
खिताब है, जिसे खिलाड़ी प्राप्त कर सकता है। हर्षित ने अपने चैस के करियर में कई
उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की है। 2014 में उन्होंने जमशेदपुर में अंडर–13 राष्ट्रीय शतरंज चैंपियनशिप में सिल्वर और तमिलनाडु में आयोजित SGFI
नेशनल में गोल्ड जीता
था। ग्रीस में 2015 में हुए विश्व युवा शतरंज चैंपियनशिप अंडर -14 में हर्षित ने
भारत का प्रतिनिधित्व भी किया था। राजा 2017 में एक अंतरराष्ट्रीय मास्टर बन गए
थे। और 2019 में उन्हे शिव छत्रपति पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था।
हर्षित 7 साल की उम्र से चैस खेल रहे हैं। वह बताते हैं कि उन्होने अपनी बहन से चैस खेलने
की प्रेरणा ली थी। और धीरे-धीरे वह इसमे आगे बढ़ते गए। हर्षित अब तक लगभग 20 देशों में टूर्नामेंट खेलने जा चुके हैं। हर्षित
का हमेशा से यही मानना है कि चैस में
बेहतर बनने के लिए दूसरों के साथ नहीं बल्कि खुद से दौड़ लगानी पड़ती है। उनके
जीवन में बहुत कुछ बदल गया लेकिन शतरंज के प्रति उनका प्यार हमेशा से स्थिर रहा है।