Dhriti gupta: भारत की बेटियां जहां देश में हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं और पुरुषों से कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं वहीं अब विदेशों में भी देश नाम रोशन कर रहीं हैं। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर की बेटी धृति गुप्ता ने एक ऐसी ही मिसाल पेश की है। धृति लाखों प्रतिभागियों को पीछे छोड़ते हुए अमेरिकी सेना में सलेक्ट हो गईं हैं। विदेशी धरती पर उन्होंने ना सिर्फ छत्तीसगढ़ का बल्की पूरे देश का मान बढ़ा दिया है।
1 लाख लड़कियों को किया पीछे
सेना में सलेक्शन के लिए धृति ने लगभग 1 लाख लड़कियों को पीछे किया है। अब धृति की पढ़ाई और ट्रेनिंग का खर्चा अमेरिकी सरकार उठाएगी। 12वीं के बाद ही धृति वायुसेना केलिए चयनीत हुई थीं। इसके सिर्फ एक महीने बाद ही उन्हें अमेरिकी आर्मी में चुन लिया गया। इतना ही नहीं धृति को 2.80 लाख डॉलर यानी करीब 2.34 करोड़ रुपए की स्कॉरशिप भी दी जा रही है। पढ़ाई और ट्रेनिंग पूरी होने के बाद उन्हें लेफ्टिनेंट का पद दिया जाएगा।
गोल्ड मेडलिस्ट NCC कैडेट हैं धृति
धृति की स्कूल की पढ़ाई भी अमेरिका में ही हुई है। अपनी स्कूलिंग पूरी करने के बाद उन्होंने एनसीसी और कैडेट कोर ग्रुप ज्वॉइन करने का फैसला किया और तीन साल की ट्रेनिंग की । ट्रेनिंग के दौरान धृति ने गोल्ड मेडल भी हासिल किया। इस दौरान वो अपने ग्रुप की सबसे बेहतरीन शूटर थीं। धृति अभी जूनियर रिजर्व ऑफिसर ट्रेनिंग कॉप्स की सदस्य हैं। पढ़ाई पूरी कर वो जूनियर रिसर्च ऑफिसर बन जाएंगी और पांच साल के बाद उनकी पोस्टिंग लेफ्टिनेंट के पद पर कर दी जाएगी।
धृति के दादा-दादी भी हैं एक मिसाल
धृति के अंदर कुछ कर गुजरने का जुनून अपने दादा-दादी से आया है। धृति के दादा जी 70 वर्षीय रमेश गुप्ता पेशे से एक वकील और हैंडराइटिंग एक्सपर्ट हैं और 69 साल की दादी शोभा गुप्ता गरीब बच्चों के लिए स्कूल चलाती हैं। इस उम्र में भी दोनों में पढ़ने की ललक है जिसके चलते दोनों अभी भी एमए की पढ़ाई कर रहे हैं और पहले साल की परीक्षा पास भी कर ली है।
Positive सार
धृति ने साबित कर दिया है कि आप चाहे अपने देश में रहें या विदेश में अपने लक्ष्य को पाने के लिए की गई मेहनत कभी बेकार नहीं जाती। देश के एक छोटे से राज्य छत्तीसगढ़ से होन के बाद भी धृति ने बड़े सपने देखे और आज उन सपनों को पूरा करके पूरे देश का नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रोशन कर रही हैं। धृति ने उन लड़कियों के लिए भी एक उदाहरण पेश किया है जो छोटी जगहों से आती हैं लेकिन किसी बढ़े लक्ष्य को पाने का ख्वाब देख रही हैं।