एक अप्रैल से वित्त वर्ष 2022-23 शुरू हो रहा है। जिसके बाद कई नियम भी बदल जाएंगे। इन सबका असर हमारी कमाई, खर्च और निवेश पर भी पड़ेगा। ये बड़े आपके फाइनेंस पर भी असर डालेंगे…
1. प्रॉविडेंट फंड (PF): जिन लोगों ने PF अकाउंट में 2.5 लाख रुपए से ज्यादा जमा किए हैं, उन्हें ब्याज पर इनकम टैक्स देना होगा। टैक्स कैलकुलेशन के लिए अमाउंट को दो भागों में बांटा जाएगा। एक में छूट वाला योगदान, तो दूसरे में 2.5 लाख रुपए से ज्यादा का योगदान होगा, जो कि टैक्सेबल होगा। सरकारी कर्मचारियों के लिए इसकी सीमा 5 लाख रुपए होगी।
2. घर: किसी ने अगर पहली बार किफायती घर खरीदा है, तो चुकाए गए ब्याज पर धारा 80 EEA के तहत 1.5 लाख की अतिरिक्त कटौती का लाभ नहीं मिलेगा पाएगा। अगर घर की कीमत 45 लाख रुपए से कम है, तो अब तक ब्याज भुगतान में डेढ़ लाख तक की कटौती का दावा किया जा सकता था। यह कटौती या छूट धारा 24 B के तहत मिल रही 2 लाख रुपए की छूट के बाद थी। जिन्होंने घर खरीदने के लिए 1 अप्रैल 2019 से 31 मार्च 2022 के बीच कर्ज लिया हो, यह लाभ उन्हीं टैक्सपेयर्स के लिए था।
3. क्रिप्टोकरेंसी: वर्चुअल करेंसी पर 1 अप्रैल से कर संबंधी सभी स्पष्ट नियम लागू होंगे। वर्चुअल डिजिटल एसेट्स या क्रिप्टो पर 3 फीसदी टैक्स देना होगा।
4. मेडिसिन: नए वित्तीय वर्ष में हेल्थकेयर भी महंगा होगा। करीब 800 लाइफ सेविंग ड्रग्स के दाम 10% तक बढ़ जाएंगे, इसका असर इलाज के खर्च में होगा।
5. पैन: पैन को आधार से लिंक नहीं कराया है तो अब इस पर फाइन देना पड़ेगा। पेनल्टी 30 जून 2022 तक 500 रुपए और इसके बाद 1000 रुपए पेनल्टी देनी होगी। 31 मार्च 2023 के बाद भी लिंक न करवाने पर पैन नंबर बंद हो जाएगा।
NPS, Mutual Funds से जुड़े बदलाव
राज्य कर्मचारी अपने एम्प्लॉयर के एनपीएस योगदान पर ज्यादा कटौती का दावा कर पाएंगे। दो साल बाद तक अपडेटेड आयकर रिटर्न भी भर सकेंगे।
कोरोना के इलाज के लिए मिले 10 लाख रुपए तक की राशि पर टैक्स नहीं देना होगा।
म्यूचुअल फंड में निवेश सिर्फ UPI या नेटबैंकिंग के जरिए ही होगा।
75 साल से ऊपर के बुजुर्गों को रिटर्न भरने से छूट मिली।