Highlights:
- रायपुर की गरिमा लोगों को दे रही हैं पर्यावरण सुरक्षा का संदेश।
- नो प्लास्टिक थीम पर कर रही हैं शादी।
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में 5 फरवरी को एक अनोखी शादी होने जा रही है। इस शादी के दूल्हा-दुल्हन पर्यावरण संरक्षण की दिशा में नई शुरूआत करेंगे। शादी की रस्मों से लेकर मेहमानवाजी तक सबकुछ ईको-फ्रेंडली होगा। दरअसल रायपुर की गरिमा लूनिया ने यह तय किया है कि वह अपनी शादी में किसी भी तरह का इनवायरमेंट नुकसान नहीं करेंगी। और शादी में शामिल लोगों को भी पर्यावरण संरक्षण का संदेश देंगी।
No Plastic थीम पर होगी शादी!
गरिमा लूनिया का कहना है कि उनकी शादी नो प्लास्टिक थीम पर होगी। उनकी शादी की व्यवस्थाएं इस तरह से होगी कि वेस्ट मैनेजमेंट से लेकर ईको-फ्रेंडली चीजों के उपयोग तक, सबका ध्यान रखा जाएगा। मेहमानों के लिए बनाई जाने वाली कंघी लकड़ियों की होंगी। ऐसी परंपराओं को नहीं निभाया जाएगा जो पर्यावरण के खिलाफ हों। साथ ही शादी के समय निकलने वाले कचरे के निपटान के लिए वेस्ट मैनेजमेंट का भी ध्यान रखा गया है। शादी के बाद के वेस्ट चीजों को खाद के लिए उपयोग किया जाएगा जिससे लगभग 100 किलो खाद भी बनेगा।
कपड़ों के रिसाइकल की अनोखी पहल
लोग अक्सर शादी के लिए नए कपड़ों को लेकर एक्साइटेड होते हैं लेकिन गरिमा की जितनी तारिफ की जाए कम है। गरिमा ने एक अखबार को दिए इंटरव्यू में यह बताया है कि उन्होंने अपनी शादी के लिए नए कपड़ों की जगह पुराने कपड़ों के रिसाइकल को चुना है। उनका कहना है कि पुराने कपड़ों के सिंथेटिक धागे पर्यावरण को काफी नुकसान पहुंचाते हैं और यही वजह है कि उन्होंने नई साड़ियां नहीं खरीदी। पुराने कपड़ों को रिडिजाइन कर यूज किया है। इसके साथ शादी में आने वाले मेहमानों को क्लाथ नेपकिन दिए जाएंगे ताकि कागज की बचत हो सके। ड्रिंकिंग वॉटर के लिए बोतल का उपयोग नहीं किया जाएगा, चम्मच लकड़ी के बने होंगे और चाय, कॉफी के लिए कुल्हड़ का प्रयोग किया जाएगा।
कौन हैं गरिमा लूनिया?
छत्तीसगढ़ के रायपुर की रहने वाली गरिमा लूनिया दिल्ली यूनिवर्सिटी की छात्रा हैं। उन्होंने इनवॉयरमेंट साइंस एंड टेक्नोलॉजी में मास्टर्स किया है। गरिमा पर्यावरण संरक्षण के लिए भी काम कर रही हैं। निश्चित ही उनका यह कदम काफी सराहनीय है। गरिमा आने वाली उन युवा पीढ़ियों का नेतृत्व कर रही हैं जो अपने समाज को बेहतरी की ओर ले जाना चाहते हैं।