Highlights:
- सीएम भूपेंद्र पटेल ने ‘मोतियाबिंद-अंधत्व मुक्त गुजरात’ अभियान की शुरुआत की।
- अभियान से 2025 तक अंधत्व दर को घटाने का लक्ष्य।
गुजरात के सीएम भूपेंद्र पटेल ने राज्य में ‘मोतियाबिंद-अंधत्व मुक्त गुजरात’ अभियान का शुभारंभ किया। इस अभियान से 2025 तक राज्य में अंधत्व दर को घटाकर 0.25 प्रतिशत तक ले जाने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने इसकी शुरुआत करते हुए कहा कि गुजरात में राष्ट्रीय अंधत्व तथा दृष्टिदोष नियंत्रण कार्यक्रम लागू है। साल 2014 के सर्वेक्षण के अनुसार गुजरात में अंधत्व की दर 0.7 प्रतिशत थी, जो 2018-19 में घट कर 0.36 प्रतिशत हो गई।
नि शुल्क मिलेगा लाभ
इस अभियान के तहत स्वास्थ्य विभाग के द्वारा ज़िला स्तर और तहसील स्तर के सभी अस्पतालों में मोतियाबिंद ऑपरेशन के लिए इन्फ़्रास्ट्रक्चर और अत्याधुनिक संसाधन उपलब्ध कराए हैं। सीएम ने कहा कि गुजरात हर 10 लाख की जनसंख्या में 1000 से अधिक मोतियाबिंद ऑपरेशन दर हासिल करने की तरफ बढ़ रहा है। सामान्यत: निजी अस्पतालों में फेको इमल्सिफ़िकेशन से मोतियाबिंद वाले ऑपरेशन का ख़र्च 10 हज़ार से 15 हज़ार रुपए तक होता है, वहीं इस अभियान के जरिए जरूरतमंदों को नि शुल्क फायदा मिलेगा। गुजरात पूरे देश में हाइड्रोफ़ॉबिक इंट्रा ऑक्यूलर लेंस नि:शुल्क प्रदान करने वाला इकलौता राज्य है।
स्कूलों में होगी जांच और नि शुल्क चश्मा वितरण
अभियान की शरूआत करते हुए सीएम ने कहा कि राष्ट्रीय अंधत्व तथा दृष्टिदोष नियंत्रण कार्यक्रम के जरिए स्कूलों में जाँच कार्यक्रम में 18 वर्ष तक के बच्चों की दृष्टि की जाँच हो रही है। दोषपूर्ण दृष्टि वाले सभी बच्चों को नि:शुल्क चश्मा वितरण भी किया गया है।
राज्य सरकार की इस पहल से गुजरात को मोतियाबिंद-अंधत्व मुक्त बनाने की दिशा में काम किया जा रहा है, जिसमें आशा वर्कर महिलाएँ और स्वास्थ्य विभाग की टीमें सुदूरवर्ती लोगों तक पहुँच कर उनकी आँखों की जाँच करेंगी और ज़रूरतमंदों को स्वैच्छिक अस्पतालों में पहुँचा कर उनके उपचार में मदद उपलब्ध कराएगी। इसके लिए आशा वर्कर महिलाओं को 350 रुपए की सहायता राज्य सरकार की तरफ से दी जाएगी।