Bihu Festival 2023: असम में शुरू हुआ बिहु पर्व, जानें इस खास त्यौहार की परंपरा और महत्व !



Bihu Festival 2023 Date: भारत के पूर्वोत्तर में बिहु पर्व के उत्सव की शुरूआत हो चुकी है। बिहु असम का प्रमुख त्यौहार है, हर साल पूर्वोत्तर राज्यों के अलावा पूरे भारत के कई राज्यों में इसे धूमधाम से मनाया जाता है। असम राज्य के लोगों के लिए बिहू नया साल होता है। हिंदू पंचांग के मुताबिक बिहू का पर्व बैसाख महीने में मनाया जाता है। वहीं असमिया पंचांग में बैसाख माह को ‘बोहाग’ के नाम से जाना जाता है। बिहू त्योहार को बोहाग बिहू या रंगोली बिहू भी कहते हैं। असम की पहचान एक कृषि प्रधान राज्य के रूप में है, यहां के ज्यादातर लोग कृषि पर भी ही निर्भर हैं। ऐसे में इस दिन असम वासी प्रकृति और भगवान के प्रति फसलों की अच्छी पैदावार के लिए शुक्रिया अदा कर बिहू पर्व को हर्षोल्लास से मनाया जाता है।

साल में तीन बार मनाया जाता है बिहू

असम में बिहू पूरे वर्ष में तीन बार मनाया जाता है। बिहू के रोंगाली बिहू, भोगली बिहू और कोंगाली बिहू भी कहते हैं। हालांकि असमिया लोगों में रोंगाली बिहू का महत्व सबसे ज्यादा होता है। इसे हर साल 14 और 15 अप्रैल के दिन मनाया जाता है। बोहाग बिहू असमी नव वर्ष के शुभारंभ का प्रतीक है। ये त्योहार फसल की कटाई को प्रदर्शित करता है। वहीं पंजाब में इसी फसल की कटाई के अवसर पर बैसाखी त्यौहार के रूप में मनाया जाता है।

बिहू पर्व मानने का तरीका

बिहू को असम में लोग नृत्य और गायन कर मनाते हैं। इस पर्व में नए कपड़ों का काफी महत्व होता है। घरों में स्थानीय पकवान बनाए जाते हैं। रिश्तेदारों को सम्मान के तौर पर हाथ से बने अंगोछा उपहार स्वरूप दिया जाता है। साथ ही इस दिन लोक गीतों के जरिए प्राकृतिक खूबसूरती की भी प्रशंसा की जाती है।

दुनियाभर में प्रसिद्ध बिहू नृत्य के बिना अधूरा है यह पर्व

बिहू पर्व के अलावा बिहू नृत्य की अलग ही पहचान है। यह असम के साथ-साथ पूरी दुनिया में मशहूर नृत्य है। यह एक सामूहिक नृत्य है, जिसका आयोजन बहुत बड़ी जगह जैसे- खुले मैदानों में होता है। इस दौरान महिला, पुरुष, बच्चे, युवा सब मिलकर नाचते हैं।

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Dr. Kirti Sisodhia

Content Writer

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