हॉकी के जादूगर ‘मेजर ध्यानचंद’ का नाम
बड़े ही सम्मान से लिया जाता है। और भारत सरकार ने उनके हॉकी में अभूतपूर्व योगदान
को देखते हुए यह निर्णय लिया है, कि राजीव गांधी खेल रत्न सम्मान अब मेजर ध्यानचंद
खेल रत्न सम्मान होगा। पीएम मोदी ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि “यह कदम देश भर से मिले सुझावों के बाद लिया गया है।”
भारतीय इतिहास में मेजर ध्यानचंद का नाम अमर
है। मेजर को भारतीय खिलाड़ियों के इतिहास में सबसे महान माना जाता हैं। उनका जन्म
29 अगस्त 1905 को इलाहाबाद में हुआ था। मेजर ध्यानचंद के खेल की बात की जाए तो
उन्होंने अपने खेल जीवन में हॉकी में 1 हजार से ज्यादा गोल किए थे। ऐसा कहा जाता
है, कि जब वह हॉकी खेलते थे तो हॉकी की बॉल स्टिक से चिपकी हुई लगती थी। हॉकी में उनके
अविश्वसनीय योगदान कि वजह से ही भारत में उनके जन्मदिन को राष्ट्रीय खेल दिवस के
रूप में मनाया जाता है।
मेजर ध्यानचंद एक भारतीय फील्ड हॉकी खिलाड़ी
थे। उन्होंने लगातार तीन ओलंपिक 1928 एम्सटर्डम, 1932 लॉस एंजेलिस और 1936 बर्लिन में भारत
को स्वर्ण पदक दिलवाया और हॉकी पर भारत की बादशाहत को कायम किया। उनके खेल से प्रभावित
होकर जर्मन लीडर एडॉल्फ हिटलर ने ध्यानचंद को जर्मन नागरिकता और जर्मन सेना में
शामिल होने का प्रस्ताव दिया था जिसे ध्यानचंद ने विनम्रता से अस्वीकार कर दिया
था।