Highlights:
- गूगल की रिपोर्ट में इंदौ्र के युवा का जिक्र
- इंदौर के अमन पांडेय ने गूगल के लिए खोजे हैं 232 बग
- बग्समिरर के फाउंडर हैं अमन पांडेय
इंदौर के युवा अमन पांडेय को गूगल ने थैंक्स कहा है, क्योंकि अमन ने अब तक गूगल के लिए 232 बग खोजे हैं। दरअसल बग्समिरर के फाउंडर अमन पांडेय ने 2019 में पहली बार बग ढूंढा था और तब से अब तक उन्होंने गूगल के लिए 232 बग रिपोर्ट किया है।
गूगल ने अमन को क्यों थैंक्स कहा?
गूगल ने अपनी रिपोर्ट में यह कहा कि बग्समिरर टीम के पांडेय बीते साल हमारे टॉप रिसर्चर में से एक रहे हैं। पिछले साल अमन ने गूगल के लिए 232 बग रिपोर्ट किए थे। अमन ने 2019 में पहली बार अपनी रिपोर्ट दी थी और तब से लेकर अभी तक उन्होंने एंड्रॉयड वल्नरेबिलिटी रिवॉर्ड प्रोग्राम के लिए 280 से ज्यादा वल्नरेबिलिटी के बारे में रिपोर्ट किया है। गूगल ने कहा कि उनके रिपोर्ट हमारे कार्यक्रम को सफल बनाने में महत्वूपर्ण साबित हुए हैं।
किसे कहते हैं बग और यह क्या होता है?
किसी भी कंप्यूटर प्रोग्राम में बग एक गलती होती है। इसकी वजह से यूजर को परेशानियों का सामना भी करना पड़ता है। बग किसी कंप्यूटर प्रोग्राम में गलत कोडिंग की वजह से आती है। जब कोई developer सॉफ्टवेयर में इस बग को खोज कर ठीक करता है तो यह Debugging कहलाती है। बग की वजह से कंप्यूटर प्रोग्राम में गलत परिणाम मिलते हैं।
गूगल के कई प्लेटफॉर्म पर बग निकल आते हैं। इन बग का पता लगाने या उसे ठीक करने वाले यूजर्स को गूगल बड़ा अमाउंट पे करती है। गूगल की रिपोर्ट के अनुसार कंपनी ने बीते साल अलग-अलग सर्विसेज पर बग की रिपोर्ट करने वाले रिसर्चर्स को 87 लाख डॉलर का पेमेंट किया है। गूगल ने अपनी रिपोर्ट में बग्समिरर के अमन पांडेय का खास जिक्र किया है।
115 रिसर्चर्स ने मिले हैं करीब 4.19 करोड़ रुपए
गूगल की इस साल की रिपोर्ट में कहा गया है कि क्रोम VRP के तहत 115 रिसर्चर्स को 333 क्रोम सिक्योरिटी बग के बारे में रिपोर्ट करने के लिए कुल 33 लाख डॉलर दिए गए हैं। इसके अलावा गूगल प्ले ने 60 से अधिक बग खोजने वालों को 5,55,000 डॉलर (करीब 4.19 करोड़ रुपए) से अधिक का रिवॉर्ड दिया है।