Operation Sindoor: 7 मई 2025… एक ऐसा दिन जब भारत ने अपने नागरिकों पर हुए बर्बर हमले का हिसाब सटीक रणनीति के साथ लिया। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। इस नृशंस हमले में 25 भारतीय और एक नेपाली पर्यटक को उनके परिवारों के सामने मौत के घाट उतार दिया गया। इसके पीछे लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े आतंकी संगठन ‘The Resistance Front (TRF)’ का हाथ था, जो पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित और प्रशिक्षित आतंकियों की ही एक शाखा है।
भारत ने दिया जवाब
हमले के ठीक 14 दिन बाद, भारत ने जवाब दिया, “ऑपरेशन सिंदूर” के जरिए। इस ऑपरेशन को अंजाम दिया गया 6 और 7 मई की दरमियानी रात, महज 25 मिनट में। इसे भारतीय सेना, वायु सेना और खुफिया एजेंसियों के तालमेल से अंजाम दिया गया। जिसमें दो भारतीय महिला अधिकारी सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी और वायुसेना की विंग कमांडर ब्योमिका सिंह ने कमान संभाली।
ऑपरेशन सिंदूर में क्या हुआ?
रात 1:05 से 1:30 बजे के बीच भारत की सेनाओं ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoJK) में मौजूद आतंकवादियों के 9 अड्डों को एक साथ निशाना बनाया। इन ठिकानों को न केवल सटीकता से चिन्हित किया गया था, बल्कि यह सुनिश्चित किया गया कि आम नागरिकों को कोई नुकसान न पहुंचे। यह ऑपरेशन आतंकवादियों के लिए सुरक्षित माने जाने वाले ठिकानों पर भारत की निर्णायक कार्यवाही था।
तबाह किए गए आतंकवादी कैंप
- सवाई नाला कैंप, मुजफ्फराबाद- लश्कर का ट्रेनिंग सेंटर था, जहां सोनमर्ग, गुलमर्ग और पहलगाम हमलों के लिए आतंकी तैयार किए गए।
- संयतना बिलाल कैंप- जैश-ए-मोहम्मद का बेस, जहां हथियारों और जंगल में जिंदा रहने की ट्रेनिंग दी जाती थी।
- फूलपुर कैंप, कोटली- 2023-24 में यात्रियों पर हुए हमलों के लिए आतंकी यहीं से भेजे गए।
- बरनाला कैंप, बिंबर- हथियार संचालन और आईईडी तैयार करने की ट्रेनिंग होती थी।
- अब्बास कैंप, कोटली- फिदायीन हमलावरों का प्रशिक्षण केंद्र।
- सर्जल कैंप, सियालकोट- जम्मू-कश्मीर पुलिस पर हमला करने वाले आतंकी यहीं प्रशिक्षित हुए थे।
- महमूना कैंप, सियालकोट- हिजबुल मुजाहिदीन का बड़ा ठिकाना, पठानकोट एयरबेस पर हुए हमले से जुड़ा।
- मरकज तैबा, मुरीदके- मुंबई हमले के गुनहगारों को यहीं ट्रेन किया गया था।
- मरकज सुबानल्लाह, बहावलपुर- जैश का मुख्यालय, जहां से भर्ती और ट्रेनिंग होती थी।
भारत की रणनीति
भारत ने सटीक खुफिया जानकारी के आधार पर यह ऑपरेशन किया। 25 अप्रैल को UNSC के प्रेस स्टेटमेंट में TRF का नाम हटवाने की पाकिस्तान की कोशिश ने साबित कर दिया कि वह अब भी आतंकियों की ढाल बना हुआ है।
संदेश साफ है
भारत अब हर हमले का जवाब मैदान में देगा, न केवल शब्दों से, बल्कि कार्रवाई से। ऑपरेशन सिंदूर सिर्फ बदला नहीं, बल्कि आने वाले आतंकी मॉड्यूल्स के लिए एक कड़ा संदेश भी है।