युद्ध के नगाड़े

म सभी में कहीं न कहीं असिमित क्षमता होती है, पर जीवन में मिल रही सुविधाओं की वजह से हम अपनी असल क्षमता को जान नहीं पाते हैं। अक्सर विद्वानों की बात आपने सुनी होगी कि मुश्किल समय में ही असली प्रतिभा का ज्ञान होता है। जरुरत है बस स्वयं के सामर्थ्य को जानने की। इस कहानी से आप जान पाएंगे कि हम किस तरह अपनी क्षमता को जान पाते है-
एक राजा के पास कई हाथी थे, उनमें से एक हाथी, राजा को बहुत प्रिय था।
वह हाथी बाकी हाथियों में सबसें शक्तिशाली, आज्ञाकारी, समझदार व युद्ध-कौशल में निपुण था।
बहुत से युद्धों में वह राजा के साथ जाया करता था और हर बार वह राजा को जीत दिलवाकर ही वापस लौटता था।
इसलिए वह महाराज का सबसे खास हाथी था।
जैसे जैसे समय बढ़ा हाथी की उमर भी बढ़ती गयी।
और एक समय ऐसा आया, जब वह वृद्ध हो गया।
अब वह पहले की तरह शक्तिशाली नहीं रह गया था।
इसलिए अब राजा उसे युद्ध क्षेत्र में भी नहीं भेजते थे।
एक दिन हाथी तलाब में पानी पीने के लिए गया, लेकिन वहीं कीचड़ में उसका पैर धँस गया और फिर धँसता ही चला गया।
हाथी ने निरंतर प्रयास किया, लेकिन वह फिर भी खुद को कीचड़ से बहार नहीं निकाल पा रहा था।
उसकी चिंघाड़ने की आवाज से आस पास के लोगों को यह आभास हुआ कि वह हाथी संकट में है।
पास खडें एक व्यक्ति ने यह खबर जाकर महाराजा को दी।
खबर सुनते ही महाराजा तुरंत घटनास्थल पहुंच गए।
राजा समेत सभी लोग हाथी को बचाने के लिए निरंतर प्रयास करते रहे।
लेकिन बहुत देर तक प्रयास करने केबाद भी वह सब हाथी को कीचड़ से बहार नहीं निकाल पा रहे थे।
इतने में गौतम बुद्ध वहाँ से गुजर रहे थे।
गौतम बुद्ध ने रुककर घटना स्थल का निरीक्षण किया और फिर राजा को सुझाव दिया कि झील के चारों ओर युद्ध के नगाड़े बजाए जाने चाहिए।
पास खड़े सभी को गौतम बुद्ध का यह सुझाव सुनकर आश्चर्य हुआ। सब मन हीं मन यह सोचनें लगे की युद्ध में नगाड़े बजाकर फंसा हुआ हाथी कैसे बाहर निकलेगा?
लेकिन वह सब गौतम बुद्ध से कुछ नहीं कह सके और नगाड़े बजाने लगे।
जैसे ही युद्ध के नगाड़े बजने शुरू हुए, वैसे ही उस मृतप्राय हाथी के हाव-भाव में परिवर्तन आने लगा।
पहले तो वह खुद से धीरे-धीरे खड़ा हुआ और फिर सबको हैरान करते हुए स्वयं ही कीचड़ से बाहर निकल आया।
गौतम बुद्ध मुस्कुराए और सबको समझाते हुए कहा कि हाथी की शारीरिक क्षमता में कोई कमी नहीं थी, आवश्यकता सिर्फ उसके अंदर उत्साह के संचार करने की थी।
इंसान हमेशा अपने अंदर की शक्तियों को समझ पाने में असमर्थ रह जाता है। जीवन में उत्साह बनाए रखने के लिए ज़रूरी है कि मनुष्य अपने अंदर की शक्तियों को पहचाने। और कभी भी अपने जीवन में निराशा को हावी ना होने दे।
इसी प्रकार आपका भी सामना कुछ ऐसे ही महान व्यक्तित्व से हुआ होगा, जिन्होनें नकारात्मक परिस्थिति से निकलने में आपकी सहायता की हो। अपनी कुछ ऐसी ही कहानी शेयर कीजिए see positive के साथ।
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Dr. Kirti Sisodhia

Content Writer

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