Vineet Yadav: शौकिया तौर पर बनाते थे खाना, MasterChef India के Top में पहुंचकर दिखाया अपना हुनर!

Year End 2023: साल 2023 खत्म होने वाला है। ऐसे में कई इंसिडेंट्स और कहानियां हमारे दिमाग में अपने आप ही याद आ जाती हैं जिसने हमारी उपलब्धियों को बताया या फिर हमें इंस्पायर किया। साल 2023 की एक ऐसी ही कहानी थी विनीत की, जिन्होंने अपने हुनर से मास्टरशेफ इंडिया सीज़न 7 में टॉप पर पहुंचकर लोगों को काफी प्रेरित किया। विनीत ने मां की मदद के तौर पर खाना बनाना शुरू किया। कब उनकी हॉबी और मदद के लिए किया गया काम पैशन और प्रोफेशन बन गया उन्हें पता ही नहीं चला। आज उनका अलग एक नाम है लेकिन जानते हैं कैसे हुई शुरूआत…

मजबूरी में शुरू किया खाना बनाना 

एक अखबार में छपी उनकी कहानी के अनुसार उन्होंने सिर्फ़ 12 साल उम्र से खाना बनाना शुरू किया था। दरअसल उनकी मां, ज्ञान देवी को पैरालिसिस का अटैक आ गया। विनीत छोटे थे और उनके सात भाई-बहन थे। उन्होंने मजबूरी में खाना बनाना शुरू किया। विनीत के पिता, महेंद्र सिंह यादव एक लाइनमैन के तौर पर काम करते हैं। वो सात बच्चों के लिए खाना नहीं बना पाते थे। ऐसे में रसोई की जिम्मेदारी आई विनीत के हिस्से। 

विनीत कहते हैं कि ‘मैं अपनी मां को मेहनत करते देखता थ तब वो बहुत ही प्रेम से सबके लिए खाना बनाती थी।’

जरूरत से हॉबी और फिर पैशन 

9 सदस्यों के परिवार में विनीत ने जब मां की बीमारी का सामना किया तब उन्होंने कठिन समय को करीब से देखा। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। घर के सदस्यों को संभालने के लिए विनीत ने मजबूरी में खाना बनाना शुरू कर दिया। लेकिन खाना बनाने की मजबूरी एक समय के बाद हॉबी और फिर बाद में पैशन बन गई। 

घर में आर्थिक मदद के लिए किए कई काम 

आज एक मशहूर शेफ की पहचान बना चुके विनीत काफी संघर्षों के बाद यहां तक पहुंचे हैं। उनके पिता रिटायर हुए लेकिन कुछ दिनों के बाद उनकी किसी वजह से उनक पेंशन रुक गई। तब उन्होंने घर की मदद के लिए क्रिएटिव कामों से पैसे बनाना सीखा। उन्होंने क्राफ्ट का काम किया, खाना बनाया और मेंहदी भी लगाई। 

साथियों ने बढ़ाया उत्साह 

विनीत ने लखनऊ यूनिवर्सिटी से अपनी पढ़ाई पूरी की है। पढ़ाई के दौरान खाना बनाने और खाने के बारे में उन्होंने काफ़ी रिसर्च किया। लेकिन अगर एक लड़का खाना बनाने को लेकर पैशनेट हो तो लोग अलग-अलग तरह की बातें तो जरूर करते हैं। विनीत को भी ताने सुनने पड़े और कुछ लोगों ने उनका मजाक भी उड़ाया। ये वो दौर था जो विनीत को झुका सकता था। विनीत ने अपने काम पर ध्यान दिया और आज उनकी एक अलग पहचान है। 

Positive डोज़

विनीत की कहानी काफी सिंपल पर अट्रैक्टिव है। उनका संघर्ष और सफलता दोनों ही बहुत कुछ सिखाती है। ये बताती है कि अगर हम किसी भी चीज के लिए पैशनेट हैं तो स्थितिया भले ही विपरित हो सकती हैं लेकिन सफलता जरूर मिलती है।

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Rishita Diwan

Content Writer

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