केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि 12 साल से कम उम्र के बच्चों को कोविड वैक्सीन नहीं लगाई जाएगी। हालांकि, अभी तक कोई आदेश जारी नहीं हुआ है। फिलहाल देश में 12 साल से कम उम्र के बच्चों को वैक्सीन नहीं लगाई जा रही है।
यह भी कहा जा रहा है कि नेशनल टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप ऑन इम्यूनाइजेशन (NTAGI) सरकार को सलाह दे सकती है, कि- 12 साल से कम उम्र के सिर्फ उन्हीं बच्चों को वैक्सीन दी जाए, जिन्हें पहले से कोई गंभीर बीमारी है।
दो कंपनियों ने सरकार से मांगी है मंजूरी
वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और बायोलॉजिकल-ई ने केंद्र सरकार से 12 साल से कम के बच्चों के लिए वैक्सीन बनाने की मंजूरी मांगी है। कंपनियों के द्वारा बच्चों पर ट्रायल के नतीजे भी सरकार को बताए गए हैं। इन प्रस्तावों पर स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक्सपर्ट्स के साथ चर्चा की। इसमें यह पता चला कि देश में 12 साल से कम उम्र के बच्चे कोरोना की तीनों लहर के समय संक्रमित तो हुए, पर उनमें गंभीर लक्षण नहीं दिखे। इसलिए उन्हें वैक्सीन लगाना जरूरी नहीं है।
देश में 12 से 14 साल के बच्चों को 16 मार्च से वैक्सीन लगाई जा रही है। 1.6 करोड़ बच्चों को पहला डोज लगाया जा चुका है। वहीं, 15 से 17 साल के 5.71 करोड़ बच्चों को पहला डोज लग चुका है।
बच्चे संक्रमण से बीमार नहीं पड़ते- विशेषज्ञ
विशेषज्ञों का कहना है कि- बच्चों को वैक्सीन देने से पहले वैज्ञानिक आधार बताना जरुरी है। दुनियाभर में कहीं पर भी छोटे बच्चों को वैक्सीन की जरूरत नहीं है। क्योंकि, वैक्सीन संक्रमण की गंभीरता से प्रोटेक्ट करती है, न कि संक्रमण से। अभी तक बच्चों में संक्रमण के गंभीर लक्षण नहीं दिखायी दिए हैं। कोरोना से बच्चों की मौतें भी लगभग शून्य हैं। इसलिए उन्हें वैक्सीन लगाना सही नहीं है।