Stress Relief Method: ये 6 आदतें दूर कर सकती हैं आपका स्ट्रेस!

Stress Management आज के समय में एक आर्ट है। वो इसलिए क्योंकि आजकल हर किसी की जिंदगी थोड़ी उलझी और थोड़ी ज्यादा ही व्यस्त चल रही है। बदलती खान-पानी की आदतें, बिगड़ा हुआ लाइफस्टाइल और कई छोटी-छोटी परेशानियों से हम सभी दो चार हो रहे हैं। ऐसे में हर व्यक्ति stress से गुजर रहा है। लाइफस्टाइल एक्सपर्ट्स इस पर कहते हैं कि आपको अपना stress management खुद ही करना होगा। अगर आपके मन से ये बात आएगी कि आपको इससे पार पाना है तो आपको खुद ही पहल करनी होगी। हम इस आर्टिकल के जरिए आपको बताते हैं किन आदतों से आप स्ट्रेस से छुटकारा पा सकते हैं।

एक महीने कोशिश तो कीजिए

हर चीज फटाफट नहीं होती है। आपने कबीर का वो दोहा तो सुना ही होगा ‘धीरे-धीरे रे मना, धीरे सब कुछ होय। माली सींचे सौ घड़ा, ॠतु आए फल होय’ जिसका मतलब है सब धीरे से होता है आपको बस कोशिश करना है। यहां हमारे कहने का मतलब है कि आप अगर आपके स्ट्रेस का लेवल ज्यादा ही हो गया है और आप उसका हल चाहते हैं तो कोशिश करना मत छोड़ें सिर्फ 1 महीने हमारे बताए रास्ते पर चलकर तो देखें।

नीद से नो कॉम्प्रोमाइज

अगर आपकी नींद पूरी होगी तो आप हर काम को बेहतर कर पाएंगे। न ज्यादा सोना अच्छा है और न ही कम सोना। एक हेल्दी लाइफ के लिए 6-7 से घंटे की नींद काफी है। तो किसी भी हाल में अपनी नींद से कॉम्प्रोमाइज न करें।

फिजिकली एक्टिव रहें

काम के सिलसिले में अक्सर लोग एक ही जगह पर बैठकर पूरा दिन गुजार देते हैं। लेकिन फिजिकली एक्टिव रहकर आप स्ट्रेस (Stress) से लड़ सकते हैं। ये आपके मेंटल हेल्थ को भी फिट रखता है। अगर आप वर्किंग हैं तो काम के दौरान हर 30-40 मिनट में खुद को ब्रेक दें। हलचल करें। थोड़ा वॉक भी कर सकते हैं। इसके अलावा कुछ आउटडोर एक्टिविटी जैसे बैटमिंटन, साइकलिंग, रनिंग, वॉक को अपने लाइफ का हिस्सा बनाएं। लोगों को लगता है ये सभी काम सुबह उठकर ही ये सब काम किया जा सकता है। लेकिन ये धारणा गलत है। आप ये कभी भी कर सकते हैं। जब भी आपको समय मिले।

मेडिटेशन है जरूरी

मेडिटेशन को अगर पॉवर ऑफ लाइफ कहें तो ये गलत नहीं होगा। अगर आप दिनभर में कुछ अलग कर ही नहीं पा रहे हैं तो मेडिटेशन को अपना हथियार बनाइए जो आपको स्ट्रेस (Stress) से लड़ने की ताकत देगा। ये आपके दिमाग को शांत रखता है।

क्रिएटिवली यूज करें सोशल मीडिया

सोशल मीडिया आपका बहुत सारा समय ले लेती है। लेकिन इसका इस्तेमाल रील स्क्रॉल करने की बजाय कुछ सीखने के लिए कीजिए। यहां एक बात आपको जरूर समझनी चाहिए कि सोशल मीडिया पर जैसा दिखता है वैसा होता नहीं है। जरूरी नहीं कि आप सोशल मीडिया पर किसी को देखकर खुद को कंपेयर करें। अगर स्ट्रेस (Stress) से लड़ना है तो खुद के लिए इसका इस्तेमाल कीजिए। अपनी क्रिएटिविटी को बाहर लाएं और अपनी लाइफ को एक नई पहचान दें। 

Be Positive seepositive

 हर बात में नेगेटिविटी खोजने वाले लोग कभी खुश नहीं हो सकते हैं। ये बात बिल्कुल सच हैं। अगर कोई चीज अच्छी नहीं लग रही है तो आपको बुरा जरूर लगेगा इस पर कोई दोराय नहीं है। लेकिन अगर ऐसी किसी सिचुएशन से आपका सामना हो जाए। या बार-बार हो रहा है। तो खुद से कहें चलो देखते हैं। फिर एक गहरी सांस लें, और सोचें कि इससे आपका क्या नुकसान हो रहा है। इतनी देर में आप थोड़े स्थिर हो चुके होंगे। अब आप उस बात के बारे में गंभीरता से सोचें कि इसमें आपका वाकई नुकसान है या फिर सिर्फ इसलिए आप परेशान हो रहे हैं कि वो बात या चीज या स्थिति आपको पसंद नहीं है। और यही वो समय होगा जब आप पूरी तरह से काम रहेंगे। तो बस फिर positive आस्पेक्ट के बारे में सोचे और आगे बढ़ जाएं। see positive न कि negative.

न कहना सीखें

ज्यादातर लोगों में ये गुण नहीं होता है। स्ट्रेस (Stress) का सबसे बड़ा कारण ही यही होता है। अगर आप अपनी बात पर पूरी तरह से सही हैं तो न कहने में कोई बुराई नहीं है। बेवजह की टेंशन या बोझ को खुद पर न लादें। अगर आपका मन या आपकी क्षमता तब उस काम के लिए नहीं है तो न कहें।

Self-discipline से सफलता पा सकते हैं

अपनी पसंद को नजरअंदाज न करें

सबसे जरूरी बात ये है कि आप खुद को एक्सेप्ट करें। जैसे हैं वैसे ही। इतने भी व्यस्त न हो जाएं कि आपको जो पसंद है वो छूट जाए। पसंदीदा चीजों के लिए वक्त निकालिए। घूमना पसंद है तो जरूरी नहीं कि कहीं दूर ही घूमा जाए आस-पास को एक्सप्लोर करें। शॉपिंग पसंद है तो जरूरी नहीं जेब को टटोलें कम पैसे में कभी-कभी विंडो शॉपिंग या स्थानीय मार्केट को भी एक्सप्लोर किया जा सकता है। खान पसंद है तो स्ट्रीट फूड्स का जमकर आनंद लें। कहने का मतलब है कि खुलकर जिएं। संभावनाओं को तलाशें और खुश रहें।

Positive सार

स्ट्रेस (Stress) से लड़ने का सीधा सा फंडा है अपने मन की करें जिसमें किसी का नुकसान न हो। कई बार हम बड़ी खुशियों के लिए छोटी-छोटी चीजों को नजरअंदाज कर देते हैं। ऐसा मत करें। खुलकर जिएं आज में जिएं। प्रकृति से जुड़े हमेशा नया करने की सोचें। आप देखना बेहतर की तरफ जरूर बढ़ेंगे।

अगर आपको हमारे कंटेंट अच्छे लगते हैं तो हमें जरूर बताएं और हमसे जुड़ें और अपना फीडबैक जरूर दें।

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Rishita Diwan

Content Writer

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