Mobile addiction in children: बच्चों में कैसे कम करें स्क्रीन टाइम?

Mobile addiction in children: डिजिटल युग में मोबाइल फोन बड़ो के साथ-साथ बच्चों की ज़िंदगी का भी अहम हिस्सा बन चुका है। टेक्नोलॉजी ने हमारी लाइप को बहुत ज्यादा सुविधाजनक बना दिया है। लेकिन मोबाइल फोन का बहुत ज्यादा यूज बच्चों के मेंटल और मेंटल हेल्थ पर पर गलत असर डालता है। डॉक्टर और एक्सपर्ट बच्चों को मोबाइल की लत से छुटकारा दिलाने के लिए कई अहम सलाह देते हैं। आइए जानते हैं, डॉक्टरों द्वारा सुझाए गए कुछ टिप्स-

टाइम लिमिट सैट करें

डॉक्टरों का मानना है कि बच्चों के लिए मोबाइल यूज करने का एक निश्चित समय तय करना बेहद जरूरी है। यह समय सीमा उनकी एज के मुताबिक होनी चाहिए। जैसे- 5 साल से छोटे बच्चों के लिए 1 घंटे से ज्यादा स्क्रीन टाइमिंग नहीं होनी चाहिए। 5-10 साल के बच्चों के लिए 1-2 घंटे की स्क्रीन टाइम ठीक है।

फिजिकल एक्टिविटीस को बढ़ाएं

डॉक्टर यह सुझाव देते हैं कि बच्चों को ऐसी  एक्टिविटीस में बिजी रखें जिससे उनका मन मोबाइल की ओर न जाए। इनडोर और आउटडोर गेम, क्राफ्ट, म्यूजिक, स्टोरी बुक्स ये सब बच्चो के मानसिक विकास में जरूरी होते हैं। वहीं फिजिकली एक्टिव होने के लिए रनिंग, साइकलिंग और स्वीमिंग जैसी एक्टिविटीज भी काफी मदगार होती हैं। इन सबसे बच्चों का ध्यान मोबाइल की तरफ नहीं जाता है। 

पैरेंट्स को भी रखना होगा ध्यान

पैरेंटिंग एक्सपर्ट कहते हैं बच्चों से मोबाइल की आदत छुड़ान के लिए माता पिता को भी खुद पर कंट्रोल रखना होगा। उन्हें अपने बच्चों के लिए एग्जाम्पल सेट करना होगा। बच्चों के सामने मोबाइल कम से कम यूज करें। बच्चे पास हों तो उनके साथ खेलने में समय बिताएं।

स्लीपिंग पैटर्न पर ध्यान दें

मोबाइल का ज्यादा यूज बच्चों के स्लीपिंग पैटर्न को बिगाड़ सकता है। डॉक्टर सलाह देते हैं कि सोने से कम से कम एक घंटे पहले सभी डिजिटल डिवाइस को बंद कर देना चाहिए। इससे बच्चों को अच्छी नींद आती है और उनकी सेहत पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

मोबाइल रखने की जगह तय हो

बच्चों के लिए मोबाइल के उपयोग को कंट्रोल करने का एक और तरीका है। घर में कुछ खास जगह बनाएं जहां मोबाइल यूज नहीं किया जाएगा, जैसे कि डाइनिंग टेबल, बेडरूम, या स्टडी रूम। इससे बच्चों को मोबाइल से दूरी बनाए रखने में मदद मिलेगी और वे दूसरी तरफ डायवर्ट होंगे।

डिजिटल डिटॉक्स करें

डॉक्टर बच्चों के लिए “डिजिटल डिटॉक्स” की सलाह देते हैं, जिसका मतलब है कि एक निश्चित समय के लिए पूरी तरह से मोबाइल के साथ सभी डिजिटल डिवाइस से दूरी बनाई जाए। बच्चों को वीकेंड पर या छुट्टियों के समय डिजिटल डिटॉक्स की प्रैक्टिस कराएं।

बच्चों से बात करते रहें

डॉक्टर यह भी सुझाव देते हैं कि माता-पिता बच्चों से खुलकर बात करें और उन्हें मोबाइल के गलत प्रभावों के बारे में समझाएं। बच्चों को यह बताना जरूरी है कि मोबाइल का ज्यादा उपयोग किस तरह से उनके लिए हानिकारक है।

शैक्षणिक ऐप्स का उपयोग करें

अगर मोबाइल यूज करना जरूरी हो, तो डॉक्टरों की सलाह होती है कि बच्चे सिर्फ एजुकेशनल या क्रिएटिव ऐप्स का ही इस्तेमाल करें। इससे वे टेक्नोलॉजी का सही उपयोग करना सीखते हैं और उनका ध्यान गेमिंग और सोशल मीडिया जैसी गतिविधियों से हटता है।

Positive सार

मोबाइल की लत से बच्चों को छुटकारा दिलाना एक चैलेंज की तरह  हो सकता है, लेकिन सही दिशा-निर्देश और समझदारी से पैरेंट्स इसे संभव कर सकते हैं। डॉक्टरों द्वारा सुझाए गए ये उपाय न केवल बच्चों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को सुधारने में मदद करेंगे, बल्कि उन्हें टेक्नोलॉजी के बैलेंस्ड और पॉसिटिव यूज के लिए प्रेरित करेगी।

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Rishita Diwan

Content Writer

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