Susashan Tihar 2025: सुशासन तिहार 2025 का उद्देश्य छत्तीसगढ़ राज्य में शासन को जनता के और करीब लाना है। यह एक कदम है जिससे शासन व्यवस्था में पारदर्शिता, संवाद और समाधान को मजबूती मिलेगी। इसका मुख्य उद्देश्य नागरिकों के साथ पारदर्शी और संवादपूर्ण संबंध स्थापित करना है। इस पहल के तहत नागरिकों से सीधे संवाद स्थापित किया जाएगा और उनके समस्याओं का त्वरित समाधान सुनिश्चित किया जाएगा।
नागरिकों के लिए एक उम्मीद
सुशासन तिहार के तहत सबसे अहम कदम है समाधान शिविर। समाधान शिविरों का आयोजन 5 मई से 31 मई तक किया जाएगा। इन शिविरों के दौरान नागरिकों को उनके आवेदन की स्थिति की जानकारी दी जाएगी और जरूरत पड़ी तो मौके पर ही समाधान भी किया जाएगा। ये शिविर कितने कारगर होंगे, यह देखना दिलचस्प होगा, लेकिन इसके माध्यम से राज्य सरकार नागरिकों की समस्याओं को त्वरित गति से हल करने का प्रयास करेगी।
नागरिकों की आवाज
8 अप्रैल से 11 अप्रैल तक छत्तीसगढ़ के ग्राम पंचायतों और नगरीय निकायों में समाधान पेटी का आयोजन किया जाएगा। इस पेटी के माध्यम से नागरिक अपनी शिकायतें, सुझाव और मांगें प्रशासन तक पहुंचा सकेंगे। इस प्रक्रिया को ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से संभाला जाएगा ताकि कोई भी नागरिक अपनी आवाज शासन तक पहुंचा सके। इस पहल से शासन को जनता की समस्याओं का त्वरित समाधान करने में मदद मिलेगी।
कैसे होगा समाधान?
समाधान पेटी और ऑनलाइन माध्यम से प्राप्त शिकायतों का निपटारा तय समय-सीमा के भीतर किया जाएगा। इसके लिए प्रशासन ने दो पालियों में कंप्यूटर ऑपरेटरों की ड्यूटी लगाई है, ताकि शिकायतों को जल्द से जल्द हल किया जा सके। इन कार्यों के लिए जिला और जनपद कार्यालयों में पर्याप्त कंप्यूटर संसाधन भी उपलब्ध कराए जाएंगे।
शिकायतों का त्वरित समाधान
कलेक्टर दीपक कुमार अग्रवाल के अनुसार, इस अभियान का उद्देश्य नागरिकों की शिकायतों का त्वरित समाधान करना है। सभी शिकायतों की पावती दी जाएगी और एक महीने के भीतर संबंधित विभाग कार्रवाई करेगा। यह कदम शासन के पारदर्शिता और समयबद्धता की ओर एक बड़ा कदम है, जिससे जनता का विश्वास और अधिक मजबूत होगा।
क्या होगा असर?
अब सवाल यह है कि यह समाधान शिविर और अभियान कितने कारगर साबित होंगे। समाधान शिविरों में नागरिकों को उनकी शिकायतों का हल तत्काल मिलेगा या नहीं, यह देखना होगा। लेकिन एक बात साफ है कि यह पहल शासन के प्रति जनता का विश्वास बढ़ाने और प्रशासनिक सुधारों की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह अभियान शासन और नागरिकों के बीच संबंधों को और प्रगाढ़ करने का कार्य करेगा।
समाधान शिविर का भविष्य
सुशासन तिहार 2025 के बाद भी यदि यह पहल सफल रहती है, तो इसे आने वाले समय में और भी बेहतर तरीके से लागू किया जा सकता है। यदि प्रशासन और नागरिकों के बीच यह संवाद कायम रहता है, तो छत्तीसगढ़ में सरकारी सेवाओं में सुधार और पारदर्शिता की दिशा में एक नई उम्मीद जगेगी।