छत्तीसगढ़ में इस समय एक नया दौर शुरू हो चुका है, जहां सिर्फ योजनाएं नहीं बनतीं, बल्कि ज़मीनी हकीकत तक पहुंचाई जाती हैं। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अगुवाई में राज्य सरकार ने सुशासन तिहार नाम से एक बड़ा राज्यव्यापी अभियान शुरू किया है, जिसका मकसद है – प्रशासन को पारदर्शी, जवाबदेह और टेक्नोलॉजी बेस्ड बनाना।
अटल जी की कल्पना
छत्तीसगढ़ को जब पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने अलग राज्य का दर्जा दिया था, तब उन्होंने एक ऐसे राज्य की कल्पना की थी, जहां विकास हर व्यक्ति तक पहुंचे और सिस्टम जवाबदेह हो। अब उसी सोच को हकीकत में बदलने की कोशिश मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय कर रहे हैं।
क्या है सुशासन तिहार?
सुशासन तिहार एक दो महीने चलने वाला मेगा ड्राइव है, जिसका मकसद सिर्फ समस्याएं सुनना नहीं बल्कि उनका समय पर हल करना है। ये तीन फेज में चलेगा,
- पहला चरण (8-11 अप्रैल)- आम जनता से सीधे आवेदन लिए जाएंगे।
- दूसरा चरण- एक महीने तक समस्याओं का समाधान किया जाएगा।
- तीसरा चरण (5-31 मई)- समाधान शिविर लगाकर फाइनल नतीजे दिए जाएंगे।
सब रहेंगे फील्ड में एक्टिव
इस अभियान की खास बात यह है कि मुख्यमंत्री, प्रभारी मंत्री और वरिष्ठ अफसर खुद फील्ड में जाकर योजनाओं की रियलिटी चेक करेंगे। वे न सिर्फ आकस्मिक निरीक्षण करेंगे बल्कि जिला स्तर पर योजनाओं की समीक्षा भी करेंगे।
टेक्नोलॉजी बन रही है सुशासन का टूल
सरकार सिर्फ परंपरागत सिस्टम पर नहीं चल रही, बल्कि अब टेक्नोलॉजी को भी अपनी रीढ़ बना रही है,
- ई-ऑफिस– सभी विभागों में फाइल मूवमेंट और अप्रूवल अब डिजिटल मोड में।
- DBT (Direct Benefit Transfer)- लाभार्थियों के खातों में पैसा सीधे ट्रांसफर हो रहा है।
- Real-time Monitoring- योजनाओं की प्रगति पर नज़र रखने के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल।
बदलाव की नई शुरुआत
सरकार ने सत्ता में आते ही एक नया विभाग “सुशासन और अभिसरण” बनाया है, जो हर स्तर पर पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित कर रहा है। इसके तहत मंत्रियों को IIM में ट्रेनिंग दी गई ताकि वे मैनेजमेंट की आधुनिक तकनीकों से खुद को अपडेट कर सकें।
नक्सलवाद पर सबसे सख्त प्रहार
छत्तीसगढ़ में लंबे समय से माओवाद एक बड़ी चुनौती था। लेकिन अब तस्वीर बदल रही है,
- 350+ नक्सली मारे गए हैं।
- 2000+ ने सरेंडर किया है।
- सरकार ने देश की सबसे प्रभावशाली पुनर्वास नीति लागू की है।
- सरकार का दावा है कि मार्च 2026 तक माओवाद पूरी तरह खत्म हो जाएगा।
लोगों से सीधे कनेक्ट कर रहा है सिस्टम
अब सरकार सिर्फ फाइलों में नहीं, लोगों की भाषा में बात कर रही है। उनकी समस्याओं को सुन रही है और समय पर हल भी कर रही है। यही असली सुशासन है – लोगों के लिए, लोगों के साथ और लोगों द्वारा।
नया छत्तीसगढ़ – नया मॉडल
छत्तीसगढ़ अब डिजिटल, पारदर्शी और जवाबदेह गवर्नेंस का मॉडल बन रहा है। सुशासन तिहार सिर्फ एक अभियान नहीं, बल्कि एक नई सोच है – जो सिस्टम को बदलने की ताकत रखता है।