Chhattisgarh Naxal policy: छत्तीसगढ़ में नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शांति स्थापना और समावेशी विकास को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने नक्सलवादी आत्मसमर्पण राहत एवं पुनर्वास नीति 2025 लागू की है। इस नीति का उद्देश्य नक्सलवाद से प्रभावित युवाओं को मुख्यधारा में लाना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है। इस पहल के तहत, आत्मसमर्पण करने वाले युवाओं को व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है ताकि वे अपने पैरों पर खड़े हो सकें और समाज में एक सकारात्मक बदलाव लाने में मदद कर सकें।
सुकमा में हो रहा व्यावसायिक प्रशिक्षण
सुकमा जिले में कलेक्टर श्री देवेश कुमार ध्रुव के मार्गदर्शन में ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान (आरसेटी) के द्वारा 20 आत्मसमर्पित युवाओं को कृषि विज्ञान केंद्र, सुकमा में तीन महीने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में युवाओं को ड्रिप इरिगेशन, वर्मी कम्पोस्ट निर्माण, जैविक खेती, सब्जी उत्पादन, डेयरी, मुर्गी पालन और मत्स्य पालन जैसी रोजगारपरक तकनीकों के बारे में सिखाया जा रहा है। यह प्रयास उन्हें न केवल कृषि आधारित व्यवसायों में प्रशिक्षित करेगा बल्कि उन्हें रोजगार के नए अवसर भी देगा।
बढ़ेगा आत्मनिर्भरता का रास्ता
इस प्रशिक्षण में युवाओं को वित्तीय साक्षरता और लघु उद्यम स्थापित करने की विधियों के बारे में भी जानकारी दी जा रही है। इससे न केवल उनका आत्मविश्वास बढ़ेगा, बल्कि वे स्वरोजगार के अवसरों को भी बेहतर
तरीके से समझ सकेंगे। प्रशिक्षण के बाद, इन युवाओं को सिलाई और मोटर ड्राइविंग जैसे अन्य रोजगारमूलक विषयों में भी प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस पहल का मुख्य उद्देश्य है कि ये युवा समाज में अपनी पहचान बना सकें और आत्मनिर्भर बनकर अपने परिवार का भरण-पोषण कर सकें।
पहल से नये जीवन की शुरुआत
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का कहना है कि छत्तीसगढ़ सरकार की यह नीति केवल आत्मसमर्पण तक सीमित नहीं है, बल्कि यह उन युवाओं को एक नया जीवन देने का प्रयास है, जो कभी गलत रास्तों पर चले गए थे। उनका उद्देश्य यह है कि ये युवा आत्मनिर्भर बनें, समाज के लिए प्रेरणा बनें और सम्मानजनक जीवन जी सकें। मुख्यमंत्री का यह दृष्टिकोण साफ करता है कि यह केवल नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शांति स्थापना का कदम नहीं है, बल्कि यह उन युवाओं के जीवन में स्थायी बदलाव लाने का एक ठोस प्रयास है।
यह एक स्थायी बदलाव की दिशा में कदम
कलेक्टर श्री देवेश कुमार ध्रुव ने भी इस पहल की महत्वता को रेखांकित करते हुए बताया कि यह केवल पुनर्वास नहीं, बल्कि मुख्यधारा में लौटे युवाओं के लिए स्थायी आजीविका की दिशा में एक ठोस कदम है। इन युवाओं को रोजगार के अवसर देने के साथ-साथ उन्हें समाज में सम्मानित स्थान प्राप्त करने का भी मार्ग दिखाया जा रहा है।
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राज्य सरकार की पहल
इस कार्यक्रम में लाइवलीहुड कॉलेज की नोडल अधिकारी सुश्री मधु तेता ने जानकारी दी कि प्रशिक्षण के बाद, इन युवाओं को स्वरोजगार हेतु शासन से आवश्यक सहायता भी प्रदान की जाएगी। यह पहल न केवल नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में स्थायी शांति स्थापित कर रही है, बल्कि युवाओं को एक सकारात्मक भविष्य की ओर अग्रसर कर रही है।