‘Sarodha-Dadar: बेस्ट टूरिस्ट विलेज बना छत्तीसगढ़ का ये गांव, हर सीजन के लिए है बेस्ट!

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  • Post last modified:November 20, 2023
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Sarodha-Dadar

Kabirdham: इंडियन टूरिस्ट मैप में छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) राज्य का अपना ही एक अलग स्थान है। नेचुरल रिचनेस के मामले में छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) काफी आगे है। यहां के टूरिस्ट प्लेस की बात करें तो कबीरधाम (Kabirdham) जिले का सरोधा-दादर (Sarodha-Dadar) काफी सुंदर जगह है। इसे हाल ही में बेस्ट टूरिस्ट गांव (Best Tourist Village) का पुरस्कार भी मिला है।

छत्तीसगढ़ का सरोधा-दादर (Sarodha-Dadar) गांव

जिला मुख्यालय कवर्धा (Kabirdham) से करीब 50 किमी और चिल्फीघाटी से पांच किलोमीटर दूरी पर मौजूद है सरोधा-दादर (Sarodha-Dadar) गांव। ये पर्वतों और घाटियों के बीच में मौजूद गांव है जो समुद्र तल से करीब तीन हजार फीट ऊंचाई पर स्थित है। यहां आम तौर पर पूरे साल यहां पर्यटक आते हैं। ये जगह हर सीजन में घूमने लायक है। यहां की खूबसूरती सहसा ही लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती है।

बेस्ट टूरिस्ट गांव सरोधा-दादर (Sarodha-Dadar)

इस साल केन्द्रीय पर्यटन मंत्रालय ने छत्तीसगढ़ (chhattisgarh) के कबीरधाम (Kabirdham) जिले के सरोधा-दादर (Sarodha-Dadar) गांव को नेशनल लेवल पर रजत श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम का पुरस्कार मिला है। सरोधा- दादर (Sarodha-Dadar) को देश भर के 795 पर्यटन गांवों की प्रतियोगिता में अलग-अलग मापदंडों के आधार पर सर्वश्रेष्ठ ग्राम के रूप में चुना गया। पर्यटन दिवस पर इसकी घोषणा हुई थी। नई दिल्ली में आयोजित समारोह में सरोधा-दादर (Sarodha-Dadar) गांव के मंगल सिंह धुर्वे ने इस सम्मान को लिया।

पर्यटन की दृष्टि से खास है गांव सरोधा-दादर (Sarodha-Dadar)

सरोधा-दादर (Sarodha-Dadar) के अदिवासी परिवेश और ठेठ ग्रामीण वातावरण को सैलानियों के लिए आकर्षण का केंद्र है। यहां स्थानीय स्तर पर रोजगार पैदा करने वाली पर्यटन संस्थाओं और एजेंसियों की सक्रिय भागीदारी की वजह से लोगों को अब इसकी जानकारी हो रही है। यहां की कला और संस्कृति को विशेष रूप से प्रचारित किया गया। साथ ही चिल्फी घाटी में प्रचलित हाथ से की गई कशीदाकारी और चित्रकारी भी पर्यटकों का मन मोह लेती है। सरोधा-दादर (Sarodha-Dadar) की इन्हीं खास बातों की वजह से प्रतियोगिता में विशेष महत्व मिला। इसी आधार पर सरोधा-दादर (Sarodha-Dadar) का चयन रजत वर्ग में देश के सर्वश्रेष्ठ ग्राम के रूप में किया गया। सरोधा-दादर (Sarodha-Dadar) को सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम का पुरस्कार मिलने में यह तथ्य भी विशेष प्रभावी रहा कि यहां सैलानियों और ग्रामीणों में बीच किसी प्रकार का कोई भेदभाव नहीं किया जाता है। यहां लोग होम स्टे में रुकने के लिए इच्छुक दिखाई देते हैं।  

विदेशी सैलानियों के लिए पहली पसंद सरोधा-दादर (Sarodha-Dadar) गांव

जिला मुख्यालय कवर्धा (Kabirdham) से करीब 50 किमी और चिल्फीघाटी से पांच किलोमीटर दूर स्थित सरोधा-दादर पर्वतों और घाटियों के बीच समुद्र तल से करीब तीन हजार फीट ऊंचाई पर स्थित है। यहां आम तौर पर पूरे साल पर्यटक दिखाई देते हैं। वहीं यहां घूमने के लिए सबसे बढ़िया समय अक्टूबर माह के बाद है। इस समय यहां विदेशी पर्यटकों की भीड़ बढ़ने लगती है। ठंड के मौसम में यहां का तापमान कभी-कभी शून्य से भी नीचे चला जाता है।

भारत के विभिन्न राज्यों से यहां पर्यटक आते हैं वही विदेशी पर्यटकों की बात करें तो इंग्लैंड, स्विट्जरलैंड और आस्ट्रेलिया से भी यहां सैलानी दिख जाएंगे। खास तौर पर चिल्फीघाटी और सरोधा-दादर (Sarodha-Dadar) में प्रकृति का आनंद लेने के लिए यहां पर्यटकों की आवाजाही बहुत अधिक होती है।

कई मापदंडों पर खरा उतरा सरोधा-दादर (Sarodha-Dadar)

पुरस्कार के संबंध में बात करें तो सरोधा-दादर (Sarodha-Dadar) का चयन देश भर के 31 राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों के 795 गांवों में से हुआ है। सरोधा-दादर (Sarodha-Dadar) को ग्रामीण पर्यटन के लिहाज से स्थानीय परिवेश और प्राकृतिक मूल्यों के साथ ही श्रेष्ठ गतिविधियों के कारण नौ विभिन्न खण्डों में श्रेष्ठ प्रदर्शन के आधार पर यह पुरस्कार मिला है। इनमें प्राकृतिक और सांस्कृतिक संसाधनों के संरक्षण, आर्थिक आत्म-निर्भरता, स्वास्थ्य, सुरक्षा, सामाजिक आत्म निर्भरता, अधो संरचना और ट्रांसपोर्टेशन संपर्क जैसी चीजें शामिल थीं।

कबीरधाम जिला प्रशासन द्वारा कई सराहनीय प्रयास

खास बात ये है कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा कबीरधाम (Kabirdham) जिले में पर्यटन के विकास की संभावनाओं को विस्तार देने के लिए अलग-अलग कोशिशें की जा रही है। ग्रामीण पर्यटन ग्राम सरोधा-दादर (Sarodha-Dadar) के विकास के अध्ययन के लिए कलेक्टर जिला पंचायत सीईओ द्वारा राज्य के अलग-अलग जिलों में ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने वाले इन्फ्लूएंसर को आमंत्रित कर पूरा प्रचार-प्रसार किया गया है। इसके साथ ही कबीरधाम (Kabirdham) जिले में ग्रामीण पर्यटन के विकास की संभावनाओं के पर दूसरे काम भी तेजी से हो रहे हैं।

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