New Farming Technique:एडवांस टेक्नीक और खेती में हो रहे Innovations ने किसानों के लिए खेती को न सिर्फ आसान किया है बल्कि खेती को व्यवसाय का भी रूप दिया है। जिससे किसान अब खेती के लिए प्रोत्साहित हो रहे हैं। भारत के केरल राज्य में भी कुछ किसान ऐसे ही नवाचारों को अपनाकर लाभ की खेती कर रहे हैं। New Farming Technique की बदौलत अब किसान कृषि के क्षेत्र में नए अवसरों को बढ़ा रहे हैं।
इजराइल-मॉडल को अपना रहे केरल के किसान
केरल में कुछ किसान इजराइल-मॉडल को अपना रहे हैं। ये किसान केले की खेती कर लाभ कमा रहे हैं। इससे किसानों की इनकम बढ़ी है साथ ही किसान इजराइली तकनीक को अपनाकर फसल की पैदावार भी बढ़ा रहे हैं। New Farming Technique की तर्ज पर इजरायल-मॉडल को अपनाने वाले किसानों का मुनाफा 40 से 50 फीसदी तक बढ़ा है। इस मॉडल को अपनाकर किसान आर्थिक रूप से मजबूत हो रहे हैं।
इजराइल से किसानों को मिली ट्रेनिंग
एक अखबार की रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल केरल के 27 युवा किसानों के एक ग्रुप को ट्रेनिंग के लिए इजराइल भेजा गया था। जहां किसानों ने New Farming Technique पर स्टडी की। इस ट्रेनिंग को कृषि विभाग द्वारा आयोजित किया गया था। इन्हीं किसानों में से एक थे एसपी सुजीत जिन्होंने मई में अलाप्पुझा जिले के चेरथला दक्षिण पंचायत के अरथुंकल में एक मॉडल फार्म की शुरूआत की।
सुजीत ने 9 महीने बाद, राज्य में इजराइल-मॉडल खेती के पहले प्रयोग का सफल परीक्षण किया। उन्होंने करीब एक एकड़ खेत में इजराइली मॉडल के तहत टिश्यू कल्चर्ड केले की खेती की। सुजीत ने केरल में की जाने वाली सामान्य खेती से मिलने वाले रिटर्न की तुलना में 40 से 50 प्रतिशत अधिक लाभ कमाया।
कैसे हुई लाभ की खेती?
सुजीत कहते हैं कि उन्होंने पारंपरिक तरीके से केले की खेती में 20,000 से 25,000 रुपये तक ही लाभ कमाया था। लेकिन नए इजराइल मेथड से उन्होंने 50,000 रुपये से ज्यादा का लाभ कमाया। सुजीत कहते हैं कि केरल में किसान एक खेत में सिर्फ एक फसल लगाते हैं। लेकिन इजराइल में किसान एक ही खेत में तीन पौधे लगाते हैं। सुजीत आगे बताते हुए कहते हैं कि इजराइल विधि का उपयोग करके उन्होंने रोबस्टा, एथन, नजलीपूवन और लाल पूवन जैसी केले की किस्मों के लगभग 1,100 बीज खेत में डाले। इन फसलों के साथ ही उन्होंने फसल के बीच में खीरा, कद्दू और लौकी लगाई। इससे उन्हें ज्यादा आर्थिक लाभ मिला।
सुजीत काफी खुश थे उन्होंने बताया कि अगली बार फिर से वो इस इजरायली-मॉडल का इस्तेमाल करेंगे और पेस्टीसाइड्स का कम उपयोग करेंगे। इससे उन्हें केले के गुच्छों के वजन को कंट्रोल करने में मदद मिली।
Positive सार
कृषि अब पहले की तरह नहीं रह गई है। जहां कृषि में हो रहे नए इनोवेशन ने किसानों को लाभ पहुंचाया है वहीं दूसरी तरफ किसानों को मिलने वाले लाभ ने कृषि सेक्टर और किसानों को काफी मजबूत भी किया है। जिस तरह केरल के सुजीत ने इजराइल-मॉडल को अपनाकर अपनी खेती को बढ़ाया है उसी तरह भारत के दूसरे किसान भी खेती के नए तरीकों को अपना सकते हैं।
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