Himalaya Diwas 2024: हर साल 9 सितंबर को ‘हिमालय दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। ये उत्सव न केवल हिमालय की अद्वितीय पारिस्थितिकी तंत्र (Ecosystem) को संरक्षित करने के उद्देश्य से है, बल्कि इसके महत्त्व को समझाने और इसके संरक्षण में लोगों को शामिल करने के लिए भी मनाया जाता है। 2024 में हम 14वां हिमालय दिवस मना रहे हैं, जो विशेष रूप से हिमालय के प्रति जागरूकता फैलाने का महत्वपूर्ण अवसर है।
क्या है इतिहास?
हिमालय दिवस (Himalaya Diwas 2024) का इतिहास हिमालय दिवस को आधिकारिक रूप से 9 सितंबर 2014 को मान्यता मिली थी, जब उत्तराखंड के तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत ने इसकी पहल की थी। हिमालय दिवस मनाने का विचार हिमालयन एनवायर्नमेंटल स्टडीज़ एंड कंजर्वेशन ऑर्गनाइजेशन (HESCO) के अनिल जोशी और अन्य पर्यावरणविदों के सहयोग से आया। इसका उद्देश्य भारत के सभी हिमालयी राज्यों, जम्मू और कश्मीर से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक, एकजुट होकर हिमालय के सामाजिक-पर्यावरणीय ताने-बाने को संरक्षित करना है।
प्राकृतिक आपदा को रोकने की पहल
9 सितंबर का दिन किसी ऐतिहासिक घटना से जुड़ा नहीं है, लेकिन इसे प्राकृतिक आपदाओं की पृष्ठभूमि में चुना गया। 2010 की विनाशकारी मानसून और 2013 की केदारनाथ आपदा ने हिमालय की नाजुकता को उजागर किया, जो संभवतः हिमालय दिवस की स्थापना का प्रेरणा स्रोत बना।
क्या है इस दिन का महत्व?
हिमालय दिवस (Himalaya Diwas 2024) का महत्व पर्यावरण और सामाजिक दृष्टिकोण से अत्यधिक है। हिमालय क्षेत्र के पर्वतीय नगरों को शहरी नियोजन की कमी, बुनियादी ढांचे की समस्याएँ और वनों की अंधाधुंध कटाई जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, जिनका पर्यावरणीय प्रभाव भी गहरा होता है। यह दिन हिमालयी नगरों में पर्यावरण-संवेदनशील शहरी नियोजन और डिजाइन की अनिवार्यता को उजागर करता है। हिमालय न केवल भारत के लिए बल्कि पूरे विश्व के लिए एक प्राकृतिक धरोहर है, जिसकी सुरक्षा अत्यंत आवश्यक है। हिमालय दिवस न केवल वैज्ञानिक ज्ञान को बढ़ावा देता है बल्कि लोगों को संरक्षण कार्यों में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित करता है।
2024 का हिमालय दिवस
नई उम्मीदें और नए संकल्प 9 सितंबर 2024 को जब हम 14वां हिमालय दिवस मनाएंगे, यह न केवल हिमालय की सुरक्षा के लिए एक नई उम्मीद जगाएगा, बल्कि संरक्षण के लक्ष्यों को पुनः निर्धारित करने का अवसर भी होगा। यह दिन हमें एक बार फिर से इस अनमोल पारिस्थितिकी तंत्र को आने वाली पीढ़ियों के लिए सुरक्षित रखने के प्रति जागरूकता और सामुदायिक भागीदारी की भावना को पुनर्जीवित करता है।
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Positive सार
हिमालय दिवस (Himalaya Diwas 2024) न केवल हिमालय के संरक्षण की दिशा में उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि यह हमें इस अद्वितीय पर्वतीय क्षेत्र की महत्ता और उसके पर्यावरणीय योगदान को पहचानने का अवसर भी देता है।