नई दिल्ली के विज्ञान भवन में 25 अक्टूबर को 67वां नेशनल फिल्म अवॉर्ड दिया गया। इस दौरान 2019 में रिलीज हुई फिल्मों को सम्मानित किया गया। इसके अलावा 67वां नेशनल फिल्म अवार्ड्स छत्तीसगढ़ के लिए काफी खास रहा। 67 साल के इतिहास में पहली बार छत्तीसगढ़ की किसी फिल्म को रीजनल सिनेमा की कैटेगरी में सर्वश्रेष्ठ फिल्म का सम्मान मिला। इसके साथ ही रजनीकांत को 51वां दादा साहब फाल्के सम्मान भी मिला।
National Film Award
दिल्ली में आयोजित 67वें नेशनल फिल्म अवार्ड्स में उपराष्ट्रपति एम. वेकैया नायडू ने विजेताओं को सम्मानित किया।
– दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की फिल्म छिछोरे को बेस्ट फिल्म का अवार्ड मिला।
– कंगना रनौत को फिल्म पंगा के लिए बेस्ट एक्ट्रेस का अवार्ड मिला। उन्हें चौथी बार यह सम्मान मिला।
– धनुष को उनकी फिल्म असुरन के लिए और मनोज बावपेयी को फिल्म भोंसले के लिए बेस्ट एक्टर का पुरस्कार मिला।
– सावनी रविंद्र को मराठी फिल्म ‘बार्दो’ के गाने ‘राण पोटाला’ के लिए बेस्ट फीमेल प्लेबैक सिंगर का अवार्ड मिला.
– फिल्म केसरी के ‘तेरी मिट्टी’ के लिए बी प्राक को बेस्ट मेल सिंगर का नेशनल अवार्ड मिला।
– रजनीकांत को फिल्म इंडस्ट्री में उनके योगदान के लिए दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
भूलन दी मेज को मिला सर्वश्रेष्ठ फिल्म का अवार्ड
67वां नेशनल फिल्म अवार्ड छत्तीसगढ़ के लिए काफी खास रहा। मनोज वर्मा निर्देशित फिल्म भूलन दी मेज को रीजनल कैटेगरी में सर्वश्रेष्ठ फिल्म का अवार्ड मिला। यह फिल्म छत्तीसगढ़ की पहली ऐसी फिल्म है जिसे नेशनल फिल्म अवार्ड मिला है। यह फिल्म संजीव बख्शी के उपन्यास भूलन कांदा पर आधारित है।