Highlights:
- लड़कियों की विज्ञान में भागीदारी बढ़ाने शुरू हुआ विज्ञान ज्योति कार्यक्रम का दूसरा चरण
- ‘विज्ञान ज्योति प्रोग्राम’ को साल 2019-20 में स्कूली स्तर पर शुरू किया गया
- देश के 100 जिलों को कवर करेगा कार्यक्रम
भारत सरकार ने हाल ही में विज्ञान ज्योति कार्यक्रम के दूसरे चरण की शुरूआत की है। यह कार्यक्रम देश के 100 जिलों को कवर करेगा। विज्ञान ज्योति कार्यक्रम को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (Department of Science & Technology) व विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा शुरू किया गया था। ताकि महिलाओं और लड़कियों को विज्ञान के क्षेत्र आगे लाया जा सके साथ ही विज्ञान अनुसंधान में उनकी भागीदारी बढ़े।
चर्चा में क्यों है विज्ञान ज्योति कार्यक्रम?
9 फरवरी 2022 को केंद्रीय मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह (विज्ञान एवं टेक्नोलॉजी ) ने लोकसभा में विज्ञान ज्योति स्कीम से होने वाले फायदे को लेकर सभी क्षेत्रों की एक सूची लोकसभा में प्रस्तुत की। जिसके तहत यह कहा गया कि मध्य प्रदेश की 134 आदिवासी महिलाओं को विज्ञान के क्षेत्र में सफलता मिली। साथ ही देश भर में 1820 आदिवासी महिलाओं को इस कार्यक्रम के अंदर फायदा मिला है। इस कार्यक्रम में शामिल होने वाले लगभग 100 स्कूल ऐसे थे , जो कि ग्रामीण क्षेत्रों में बसे हों । केंद्रीय मंत्री की सूची के मुताबिक इस प्रोग्राम से सबसे ज्यादा आदिवासी महिलाएं लाभान्वित हुई हैं और वे मेघालय राज्य से हैं।
विज्ञान ज्योति कार्यक्रम के उद्देश्य
इस कार्यक्रम के माध्यम से स्कूल की महिलाओं और लड़कियों को विज्ञान के क्षेत्र में मौके देना है। लड़कियों और महिलाओं की विज्ञान के क्षेत्र में भागीदारी और रूचि को सुनिश्चित करने के लिए इस कार्यक्रम की शुरुआत देश भर के 50 जिलों में की गई थी। इसका उद्देश्य शिक्षा में सुधार करना और महिलाओं को सशक्त बनाना था। भारत में विज्ञान और प्रौद्योगिकी क्षेत्र में महिलाओं का प्रतिनिधित्व नाममात्र है और इसी कमी को पूरा करने के लिए 2019 में इस कार्यक्रम की शुरूआत की गई थी। इस प्रोग्राम के अंदर साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और मैथमेटिक्स की पढ़ाई में रुचि रखने वाली लड़कियों को आगे बढ़ाया जा रहा है।