इंजीनियरिंग कॉलेजों के बाद अब कौशल विकास की शिक्षा भी भारतीय भाषाओं दी जाएगी। भारत में पहली बार स्किल डेवलेपमेंट इंस्टीट्यूट (एसडीआई) भुवनेश्वर कौशल विकास पाठ्यक्रम की पढ़ाई स्थानीय भाषा में करा रहा है। आईआईटी और आईआईएम की तर्ज पर स्थापित संस्थान का कौशल मॉडल दिल्ली, हरियाणा, यूपी, उत्तराखंड, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश,पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड को काफी पसंद आ रहा है। इन राज्यों के कौशल विकास विभाग ने कैंपस का दौरा करके पढ़ाई, शिक्षकों की ट्रेनिंग की जानकारियां हासिल की है ताकि वे इस मॉडल को अपने प्रदेश में लागू कर सकें।
भारत में हैं 6 एसडीआई
केंद्रीय कौशल विकास व उद्यमिता मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार, देश में छह एसडीआई हैं। जिसमें से एसडीआई भुवनेश्वर देश का पहला अंतरराष्ट्रीय मानकों के तहत तैयार मल्टी-स्किलिंग इंस्टीट्यूट के रूप में स्थापित है, जिसका कैंपस करीब 47 एकड़ का है। इसके निर्माण के लिए इंडियन ऑयल ने 400 करोड़ रुपये सीआर से खर्च किए हैं। इस संस्थान में 10वीं, 12वीं, आईटीआई और इंजीनियरिंग, कंप्यूटर डिग्री धारक छात्रों के लिए अलग-अलग कौशल विकास कोर्स उपलब्ध हैं।
सर्वसुविधा से लैस है कैंपस
कैंपस में लड़कों के हॉस्टल के लिए 800 और गर्ल्स हॉस्टल में 400 सीट हैं। एसडीआई आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, 3डी प्रिंटिंग, मशीन लर्निंग, फ्यूचर स्किल में आईआईटी भुवनेश्वर के साथ मिलकर संयुक्त कोर्स की शुरूआत करने वाला है। जिसका उद्देश्य एसडीआई में आने वाले आम छात्रों को आईआईटी के विशेषज्ञों से ट्रेनिंग और छात्रों से मिलवाना है, ताकि वे आगे बढ़ें।
लड़कियों पर किया जाएगा फोकस, रहना, खाना नि:शुल्क
वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, कौशल विकास केंद्र में अभी भी बेटियों की संख्या काफी कम है। आईआईटी की तरह यहां भी लड़कियों को कौशल विकास से जोड़ने के लिए काम किया जा रहा है। इसलिए सिर्फ छात्राओं के लिए यहां की फीस काफी कम है। यहां सीआरएम एसोसिएट और सीआरएम डोमेस्टिक कोर्स की शुरूआत की गई है। यहां पर इंडस्ट्री में नौकरी के लिए 10 से अधिक बेसिक डेवलेपमेंट कोर्स, फिनिशिंग स्कूल कोर्स करवाए जा रहे हैं। इन कोर्स में 80 फीसदी प्रैक्टिकल और 20 फीसदी लिखित परीक्षा से मूल्यांकन किया जाता है। इनकी फीस तीन हजार रुपये से लेकर 30 हजार रुपये तक रखी गई है।
स्मार्ट स्किल कैंपस मॉडल पर काम करेंगे कई दूसरे राज्य
एसडीआई भुवनेश्वर स्किल मॉडल को दूसरे राज्य काफी पसंद कर रहे हैं। दिल्ली, हरियाणा, यूपी, उत्तराखंड, तमिलनाडू, आंध्र प्रदेश,पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड समेत दूसरे राज्य भी इस मॉडल पर काम करना चाहते हैं।