

IAS Hindi Medium Topper: संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा में सामान्यत: ऐसी धारणा है कि हिंदी मीडियम के लिए परीक्षा काफी मुश्किल होती है जिसकी वजह से आईएएस के लिए रैंक कम ही लोगो को मिल पाती है। कई एक्सपर्ट्स तो ये भी मानते हैं कि हिंदी मीडियम वालों की सफलता का प्रतिशत 5 से भी कम रहता है। इस लेख के जरिए हम उन्हीं अभ्यर्थियों के बारे में जानेंगे जिन्होंने मुश्किल परिस्थितयों में भी अच्छे रैंक से हिंदी मीडियम से यूपीएससी की परीक्षा पास की है। ये लोग सफल होकर मिसाल बन गए।
गौरव सिंह सोगरवाल, यूपीएससी 2016
माता-पिता को बचपन में ही खोने वाले गौरव सिंह किसी प्रेरणा से कम नहीं हैं। सोगरवाल भरतपुर राजस्थातन के रहने वाले हैं। दो प्रयासों में उन्हें असफलता हाथ लगी। तीसरे में आईपीएस व चौथे प्रयास में 46वीं रैंक पाकर आईएएस बन गए।
रवि कुमार सिहाग, यूपीएससी 2021
हिंदी मीडियम से यूपीएससी पास करने वालों में रवि कुमार सिहाग का नाम शामिल है। राजस्थारन के श्रीगंगानगर निवासी रवि कुमार ने तीन बार यूपीएससी पास की लेकिन उन्हें अच्छी रैंक नहीं मिल पा रही थी उन्होंने हार नहीं मानी और 2021 में 18 रैंक पाकर आईएएस बन गए।
गौरव कुमार सिंघल, यूपीएससी 2016
यूपी के बुलंदशहर निवासी हैं गौरव सिंघल। हिंदी मिडियम से उन्हें साल 2016 में सफलता मिली। उन्होंने 31वीं रैंक पाकर आईएएस का रैंक हासिल किया। यूपीएससी में ये पांच बार असफल हुए थे लेकिन फिर भी हिम्मात नहीं मारी। निरंतर प्रयास ने उन्हें सफलता दिलाई।
अनुराधा पाल, आईएएस, यूपीएससी 2015 IAS
अनुराधा पाल यूपी के एक बेहद सामान्यं परिवार से संबंध रखती हैं। उनके पिता ने दूध बेचकर बेटी को पढ़ाया। अनुराधा पाल ने 2012 में हिंदी माध्येम से 451वीं रैंक और 2015 में 62वीं रैंक हासिल कर सफलता हासिल की।
गंगासिंह राजपुरोहित, यूपीएससी 2016
वैकल्पिक विषय हिंदी साहित्य से यूपीएससी क्रैक करने वाले गंगासिंह राजपुरोहित राजस्था।न के बाड़मेर जिले से आते हैं। उन्होंने साल 2016 में 33वीं रैंक हासिल की थी।