Highlights:
- शिक्षा की मुहिम चला रहे हैं कोटा के भाई-बहन।
- फन लर्निंग यूथ (फ्लाई) नामक संस्था चला रहे हैं कलश और देवेश।
- अफ्रीका तक के बच्चों को मिल रहा है फ्लाई का साथ।
शिक्षा एक ऐसा प्लेटफार्म है जिसके सहारे कई जिंदगियों में एकसाथ रोशनी भरी जा सकती है। और ऐसे ही लोगों की जिंदगी में रोशनी भरने का काम कर रहे हैं कोटा के कलश और देवेश नाम के दो भाई-बहन। ये दोनों भाई-बहन मिलकर 300 बच्चों का भविष्य संवार रहे हैं। सिर्फ 16 साल की उम्र के ये भाई-बहन देश ही नहीं विदेशों तक के शिक्षा से वंचित बच्चों को शिक्षित कर रहे हैं।
फन लर्निंग यूथ (फ्लाई) शिक्षा का माध्यम
कलश और देवेश की इस जोड़ी ने फन लर्निंग यूथ (फ्लाई) के नाम से एक संस्था की शुरूआत की है। जिसके जरिए गरीब परिवार के बच्चों को शिक्षा दे रहे हैं। कलश कक्षा 11 में है वहीं भाई देवेश कक्षा 9 के छात्र हैं।
स्कॉलरशिप के पैसों से करते हैं स्टेशनरी बुक्स का इंतजाम
कलश और देवेश अपनी संस्था के बच्चों के लिए स्टेशनरी व बुक्स का इंतजाम अपनी स्कॉलरशिप के पैसें से करते हैं। दोनों बच्चों की उपलब्धि यहीं पर खत्म नहीं होती। कलश और देवेश ने अब तक कई राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय परीक्षाओं में 150 गोल्ड मेडल एवं 200 से ज्यादा सर्टिफिकेट्स अपने नाम किए हैं। हाल ही में देवेश ने IJSO में गोल्ड मेडल हासिल कर देश का नाम किया है। उन्हें प्रधानमंत्री बाल शक्ति पुरस्कार भी मिल चुका है।
फ्लाई की वेबसाइट के जरिए अफ्रीका तक के बच्चों को पढ़ा रहे
कोविड के दौरान ऐसे कई ऐसे बच्चे थे, जो कोविड की वजह से बुरी तरह से प्रभावित हुए। किसी के माता-पिता का कोरोना से निधन हो गया तो किसी के घर में आजीविका का संकट खड़ा हुआ। ऐसे में पढ़ाई से दूर हुए बच्चों के लिए दोनों भाई-बहनों ने इस इनोवेशन की शुरूआत की। अगस्त 2020 में फ्लाई की शुरूआत हुई। अब ये बच्चे फ्लाई की वेबसाइट बनाकर अफ्रीका के रवांडा तक के बच्चों को पढ़ा रहे हैं।
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