नव भारत साक्षरता कार्यक्रम से साक्षरता के शत- प्रतिशत लक्ष्य को हासिल करेगा भारत!

HIGHLIGHTS:

  • केंद्र ने प्रौढ़ शिक्षा योजना का नाम बदलकर किया नव भारत साक्षरता कार्यक्रम
  • प्रौढ़ शिक्षा के बजाय अब सभी के लिए शिक्षा, कर्यक्रम का उद्देश्य
  • नव भारत साक्षरता कार्यक्रम से मिलेगी सभी को शिक्षा
  • पांच साल में प्रौढ़ शिक्षा के सभी आयाम को हासिल करना लक्ष्य

भारत में अब प्रौढ़ शिक्षा अभियान को ‘नव भारत साक्षरता कार्यक्रम’ के नाम से जाना जाएगा। इस कार्यक्रम के तहत 15 साल की उम्र से ज्यादा के सभी लोगों को शिक्षा दी जाएगी। इस योजना से भारत सरकार, भारत में साक्षरता के शत-प्रतिशत लक्ष्य को हासिल करेगी।

पांच साल में प्रौढ़ शिक्षा के सभी आयाम को हासिल करना लक्ष्य
इस योजना के तहत सरकार आने वाले 5 सालों में प्रौढ़ शिक्षा के सभी आयामों को हासिल करेगी। इसके लिए आने वाले 5 वर्षों में 1038 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने 16 फरवरी को नव भारत साक्षरता कार्यक्रम नाम के नए शिक्षा कार्यक्रम को शुरू किया। इस योजना को नई शिक्षा नीति के अंतर्गत शुरू किया गया है। शिक्षा मंत्रालय ने यह फैसला लिया है कि- अब ‘प्रौढ़ शिक्षा के बजाय सभी के लिए शिक्षा’ शब्द का प्रयोग होगा। इसका कारण यह बताया गया है कि पिछली योजना में 15 साल और इससे ऊपर के सभी आयु-वर्गों को शिक्षा का लाभ नहीं मिल पा रहा था।

नए जमाने की शिक्षा पर आधारित होगा कार्यक्रम

इस योजना का उद्देश्य केवल आधारभूत साक्षरता देना नहीं है बल्कि शिक्षा के दूसरे और जरूरी घटकों को भी पूरा करना होगा। जो 21वीं सदी के लिए जरूरी है। इसके जरिए वित्तीय साक्षरता, डिजिटल साक्षरता, वाणिज्यिक कौशल, स्वास्थ्य देखभाल और जागरूकता, महत्वपूर्ण जीवन शिक्षा, और परिवार कल्याण जैसे पहलुओं पर भी ध्यान दिया जाएगा। साथ ही इस कार्यक्रम के जरिए स्थानीय रोजगार प्राप्त करने की दृष्टि से व्यावसायिक कौशल विकास, प्रारंभिक, मध्य और माध्यमिक स्तर की बुनियादी शिक्षा पर भी जोर दिया जाएगा।

नव भारत साक्षरता कार्यक्रम के तहत सतत शिक्षा को शामिल किया जाएगा। जिसमें कला, विज्ञान, प्रौद्योगिकी, संस्कृति, खेल और मनोरंजन के वयस्क शिक्षा के पाठ्यक्रम हैं और स्थानीय लोगों के लिए जीवन कौशल आदि पर ध्यान दिया जाएगा। इस योजना को स्वयंसेवियो की मदद से ऑनलाइन मोड में पढ़ाया जाएगा। इसमें ट्रेनिंग सत्र, वर्कशॉप जैसे कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाएगा। पंजीकृत स्वयंसेवियों की मदद के लिए सभी संसाधन डिजिटल माध्यम जैसे टीवी, रेडियो, ओपन सोर्स एप और पोर्टल उपलब्ध कराए जाएंगे।

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Dr. Kirti Sisodhia

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