Casts of India: भारत विविधताओं से भरा देश है। यहां कदम-कदम पर संस्कृति, खान-पान और पहनावा बदलता रहता है। यहां एक शहर एक गांव में कई जातियों के लोग रहते हैं। वर्तमान में देश में जातिगत जनगणना की भी बात चल रही है। क्या आप जानते हैं भारत में कितनी जाति के लोग रहते हैं।
कब से है जाति व्यवस्था ?
भारत में जाति व्यवस्था सदियों पुरानी है। पहले के समय में किसी एक काम को करने वाला पूरा एक समुदाय होता था। जो बाद में उसकी जाति बन गई। हिंदू धर्म में पूरी सामाजिक व्यवस्था जाति आधारित थी। मुख्य रूप से जाति को चार वर्गों में बांटा गया है जिसमें ब्राह्मण, क्षत्रीय, वैश्य और शूद्र आते हैं। आज के समय में इन वर्गों के कई उपवर्ग और जातियों को कई उपजातियों में बांट दिया गया है।
क्या कहती है 2011 की जनगणना?
भारत में 2011 में हुई जनगणना (census)के आंकड़ों के अनुसार देश में जनसंख्या का 16.6 फीसदी अनुसूचित जातियों (scheduled castes)का है। वहीं कुल जनसंख्या का 8.6 प्रतिशत अनुसूचित जनजातियां हैं। आखिरी जनगणना कहती है, अनुसूचित जाति की 20 करोड़ की आबादी और अनुसूचित जनजाति (scheduled tribes)की 10 करोड़ की आबादी देश में रहती है। जनगणना 2011, देश की आखिरी जनगणना थी।
देश में कितनी जातियां हैं
भारत में जातियों और उपजातियों की संख्या में बहुत विविधता है। हर राज्य में अलग-अलग जातियों की अलग-अलग उपजातियां हैं। जातियों की संख्या का ठीक-ठीक आंकड़ा बता पाना मुश्किल होता है। 1931 में हुई जनगणना के अनुसार भारत में 4 हजार 147 जातियां थीं। जबकी 2011 में की गई जनगणना में 46 लाख से भी ज्यादा जातियां थीं। कुछ विशेषज्ञ मानते हैं कि भारत में कुल जातियों की संख्या 3 हजार और उपजातियों की संख्या 25 हजार है।
किस धर्म की कितनी है जनसंख्या?
देश में जाति के अलावा धर्म के आधार पर भी जनगणना होती है। 2011 की जनगणना के आंकड़े बताते हैं कि भारत की कुल आबादी 121 करोड़ है। जिनमें धर्म के अनुसार जनसंख्या इस तरह है-
- हिंदू – 79.79 प्रतिशत
- मुस्लिम – 14.22 प्रतिशत
- ईसाई – 2.29 प्रतिशत
- सिख- 1.72 प्रतिशत
- बौद्ध – 0.69 प्रतिशत
- जैन- 0.36 प्रतिशत