दिल चीरकर रख देने वाला दर्द, अपनों के आंसुओं की तकलीफ, मासूम और बेगुनाहों के बुझे चेहरों की टीस के साथ भी संयम, ठहराव और सटिक रणनीति के साथ उन अमानवीय, सरफिरों को घर में घुसकर मारने का जज्बा और हिम्मत सिर्फ भारतीय ही रखते हैं। मात्र 14 दिनों में ही भारतीय सेना ने वो किया जिसकी चाहत हर भारतीय के दिल में थी। 6-7 मई की रात जिसमें सिर्फ आतंक के ठिकानों को ध्वस्त ही नहीं किया बल्कि उनकी रूह कांप जाए ऐसा जवाब भी दिया।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ इस ऑपरेशन के नाम ने ही पूरी दुनिया को ये दिखा दिया कि भारत की बेटी किसी से कम नहीं और भारत का हर बेटा अपनी बहनों और बेटियों के साथ मजबूती से खड़ा है।
पहलगाम में महिलाओं का सिंदूर छीनने की जो कोशिश आतंकवादियों ने की थी उस पर भारत ने उसी सिंदूर के नाम से जवाब देकर यह स्पष्ट कर दिया कि यह देश सिर्फ शांति का हिमायती नहीं बल्की अन्याय के खिलाफ लड़ने और जवाब देने वाला भी है।
इस तरह थल सेना, वायुसेना और नौसेना ने मिलकर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को अंजाम दिया। PoK और पाकिस्तान के 9 आतंकी ठिकानों को सटीकता से निशाना बनाया गया। जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिज्बुल जैसे संगठनों के हेडक्वार्टर अब सिर्फ नक्शे की याद में रह गए हैं। जहां एक तरफ पाकिस्तानी आतंकवादी मासूम निहत्थों को मारने से परहेज नहीं करते वहीं भारतीय सेना ने इस ऑपरेशन में इस बात का ध्यान रखा कि किसी भी निर्दोष नागरिकों को कोई नुकसान न पहुंचे जो हमारे बड़प्पन का भी सबूत है।
टीवी पर जब मैंनवे कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका को प्रेस कॉन्फ्रेंस पर देखा तो मेरे अंदर के गौरव सृजन ने पल भर भी नहीं लगाया। मुझे अपने देश को लेकर अहसास हुआ कि इन जैसी महिला अधिकारियों ने जिस साहस और सटीकता के साथ इस अभियान को निर्देशित किया, वह भारत की नारी शक्ति की असली तस्वीर पेश करता है। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ केवल बदला नहीं था, यह सम्मान की रक्षा थी।
आतंकवाद को अपनी सरजमीं पर पालने वाले पाकिस्तान को ये याद रखना होगा कि भारत कमजोर नहीं है। साल 2024 में भारत का रक्षा बजट पाकिस्तान से 9 गुना अधिक रहा। SIPRI की रिपोर्ट हो या भारत की टॉप-5 वैश्विक सैन्य शक्तियों में गिनती, अब वक्त आ गया है कि पाकिस्तान को समझना होगा। कि भारत किसी से डरता नहीं है और ही अब अन्याय को सहेगा।