नई शुरुआत

2020 और 2021 के अनुभवों के बाद भी आप अभी साँसे ले रहे हैं तो यक़ीनन ये एक नई शुरुआत है। पिछले दो सालों में मानो पूरी सृष्टि की Rearranging हो गयी है। लेकिन मानव को सृष्टि ने जल्द भूल जाने की आदत से भी नवाज़ा है। ये आदत मानव के लिये अच्छी भी है, क्योंकि बुरी यादों से सबक लेकर उन्हें भूलकर ही नया सृजन किया जा सकता है।
 
कठिन समय बहुत से वादे करवाता है, लेकिन क्या हम उन वादों को निरंतर निभाते हैं? वक़्त की परत जमनेसे उन वादों की शिद्दत भी मंदी पड़ने लगती है।
कोविड काल जब चरम पर था तब बहुत से उदाहरण मानवता के देखेगये और ऐसा लगा किइस काल ने मानव जीवन में संवेदना को फिर से मज़बूती से जोड़ दिया है, लेकिन ये शायद क्षणिक था। क्योंकि राजनीतिक दाँव-पेंच में अनगिनत किसान बॉर्डर पर संक्रमण की छत्रछायां में बैठे रहे, फार्मा इंडस्ट्री में भी कमाई करने की सारी हदें तोड़ दी।
 
नकली दवाएं, अफ़वाहों और मानवता ने ना जाने कितनी बार शर्म से सर झुकाया होगा।
 
रात और दिन का साथ–साथ चलना तय है। बुरा वक़्त, अच्छा वक़्त, मौकापरस्त लोग और परोपकारी लोगों का चक्र भी जीवन में यूं ही चलेगा। 2022 में बीते अनुभवों से दुनिया को बदलने का पहला कदम ख़ुद से लेना होगा। झूठे वादों से जीवन नही जीए जाते। वादा अपने आप से पूरी ईमानदारी से करो और उसे निभाने की ज़िद भी रखो। नया साल, नई शुरुआत है। जीवन के चक्र में अच्छा-बुरा चलता रहेगा।
 
इस कठिन दौर में भी भारत ने उपलब्धियों की कड़ी में जो मोती जोड़े हैं ये उसी अपने आप से किये ईमानदार वादे का नतीजा है।
 
फिर चाहे वो नीरज चोपड़ा का ओलम्पिक में गोल्ड जीतना हो। हरनाज़ का विश्व सुंदरी बनना हो। ये नतीजा है अपना धैर्य, साहस और फोकस ना खोने का।
 
जीवन में विपदायें कभी ना आऐ ऐसा हो नहीं सकता। विपदाओं से लड़कर, उभरना यही जीवन है।
 
2022 नई उम्मीद, नई आशाओं के साथ तुम्हारा स्वागत है।
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Dr. Kirti Sisodhia

Content Writer

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