

BANK एक ऐसी जगह है जहां पर अक्सर लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। साथ ही बैंक का काम थोड़ा जटिल भी होता है। अक्सर हम बैंक सर्विस से जुड़े नियम कानूनों की जानकारी नहीं होने की वजह से परेशान हो जाते हैं। आज के इस लेख में हम आपको बताएंगे कि बैंक पहुंचकर अगर आपके काम को नहीं किया जा रहा है तो आप क्या कदम उठा सकते हैं साथ ही अगर शिकायत करनी है तो कहां कर सकते हैं।
बैंक कर्मचारी कर सकते हैं एक साथ लंच
RBI ने एक RTI में यह बताया गया था कि बैंक के अधिकारी एक साथ लंच पर नहीं जा सकते हैं। उन्हें एक-एक करके लंच ब्रेक लेना होता है। इस दौरान नॉर्मल ट्रांजेक्शन का प्रोसेस रुकना नहीं चाहिए। बैंक में ग्राहकों को घंटों इंतजार करवाना नियम के विरुद्ध है।
कर्मचारी के लेटलतीफी की होती है शिकायत
अगर बैंक कर्मचारी किसी ग्राहक को लंच के नाम पर घंटों इंतजार करवाता है, ग्राहक से ठीक से बात नहीं करता है या फिर काम में लेटलतीफी करता है तो ग्राहक उसकी शिकायत कर सकता है।
ग्राहकों की शिकायत सुनने के लिए कुछ बैंक, शिकायत रजिस्टर रखते हैं। इसमें ग्राहक अपनी आप शिकायत दर्ज कर सकता है।
अगर रजिस्टर से भी बात नहीं बनती है तो ग्राहक उस कर्मचारी की शिकायत बैंक मैनेजर (Bank Manager) या नोडल ऑफिसर से भी कर सकते हैं।
साथ ही ग्राहकों की कंप्लेन से निपटने के लिए ज्यादातर बैंक में ग्रीवांस रिड्रेसल फोरम भी होता है। ये भी ग्राहक की प्रॉब्लम सॉल्व करते हैं।
ग्रीवेंस रिड्रेसल फोरम में हो सकती है किसी भी बैंक कर्मचारी शिकायत
ग्रीवेंस रिड्रेसल फोरम का उद्देश्य है किसी भी ग्राहक की शिकायत का निपटान करना। इसलिए बैंक का ग्रीवेंस रिड्रेसल नंबर लेकर शिकायत की जा सकती है। ईमेल से भी शिकाकयत की जा सकती है। ग्रीवेंस रिड्रेसल का नंबर रिलेटेड
बैंक की वेबसाइट से जाकर निकाला जा सकता है। बैंक के कस्टमर केयर को कॉल करके भी यह नंबर लिया जा सकता है।
बैंकिंग लोकपाल में भी की जा सकती है शिकायत
RBI ने साल 2006 में ग्राहकों की शिकायत दूर करने के लिए बैंकिंग लोकपाल योजना की शुरुआत की थी। ग्राहक बैंकिंग लोकपाल के जरिए शिकायत कर सकते हैं।
बैंकिंग से जुड़ी खास बातें
• बैंक की तरफ से चेक कलेक्शतन में देरी होती है तो उसे ग्राहक को मुआवजा देना होता है।
• बैंक यह कार्यवाही अपने लेवल पर खुद ही करता है। वह इस मुआवजे के लिए आपके क्लेदम
• आपकी तरफ से दिए गए इलेक्ट्रॉनिक क्लियरिंग सर्विस (ECS) इंस्ट्रीक्शंास में अगर बैंक की तरफ से किसी भी तरह की देरी हुई है, तो भी आपको इस पर मुआवजा मिलता है।
• खाते में बैलेंस नहीं होने पर अगर ESC फेल हुआ हो, तो उसके लिए आपको फाइन देना होगा।
• देश के किसी भी बैंक में फटे और पुराने नोट बदले जा सकते हैं। ऐसा करने से कोई भी बैंक मना नहीं करता है।
• ग्राहक अगर लोन के लिए अप्लाय करता है तो बिना वजह बताए बैंक इसे रिजेक्ट नहीं करेगा। ऐसा अगर कोई बैंक करता है तो शिकायत की जा सकती है।