जॉब इंटरव्यू के लिए महत्वपूर्ण है आपकी तैयारी, नकारात्मकता से बचने आत्मविश्वास है सबसे बड़ा ढाल!



जॉब इंटरव्यूज़ हर व्यक्ति के लिए खास होता है। लेकिन कई ऐसे लोग होते हैं जिन्हें इस स्थिति से काफी डर लगता है। साथ ही इस डर की वजह से वे अपना 100 प्रतिशत नहीं दे पाते हैं। लेकिन साक्षात्कार में पूरी तरह से खेल आपके संयम और आत्मविश्वास का होता है। जैसे, जब दोनों तरफ से शांतिपूर्ण बहस हो रही हो किसी भी मुद्दे पर तो यह शानदार संकेत हैं। कैंडिडेट्स इंटरव्यू को वाद-विवाद और समस्या निवारण के लिए तैयार किए प्लेटफॉर्म की तरह से देख सकते हैं। 

इंटरव्यू से पहले, इंटरव्यू के दौरान और इंटरव्यू के बाद कुछ रणनीतियों को अपनाकर आप बेहतर कर सकते हैं, जानते हैं कैसे….

1) कंपनी के बारे में पर्याप्त जानकारी रखें

जिस कंपनी का इंटरव्यू देने जा रहे हैं उसकी सभी डिटेल्स को पहले से पता कर लें। यह बहुत जरूरी है कि जिस कंपनी में आप काम करने वाले हैं वहां का कल्चर क्या है? क्या कंपनी के लोग नए विचारों का खुले दिमाग से स्वागत करते हैं या नहीं, क्या कंपनी की लीडरशिप टीम खुलेपन और नएपन के लिए रास्ते देती है? अगर प कंपनी में किसी से परिचित हैं, तो उनसे सवाल भी पूछ सकते हैं कि वो कंपनी के बारे में क्या सबसे ज्यादा पसंद करेंगे। वो कौन-से क्षेत्र हैं जिनमें सुधार की और जरूरत है। साफ तौर पर कहें तो आपकी जानकारी आपके आत्मविश्वास की नींव होती है।

2) असहमति जताने के तरीकों पर करें काम

आज के यूथ के पास नॉलेज और टैलेंट दोनों की कमी नहीं है। ऐसे में जब आप अपनी बात रखें तो हां में हां भी नहीं मिलाएं। अच्छी चीजों को एप्रिसिएट करें और जिन्हें बदलने की जरूरत है उनपर बात भी करें। लेकिन कभी आप किसी ऐसी स्थिति में भी फंस सकते हैं, जहां आपको अपने से ज्यादा ताकतवर व्यक्ति से असहमति जतानी भी पड़ सकती है। ये जरूर ध्यान रखें कि सामने वाले को भी तैयारी करने का अवसर मिले। आप इस तरह से बात रखें जिससे किसी की भावनाओं को ठेस न पहुंचे और आपकी बात भी सुनी जाए। इसमें बॉडी लैंग्वेज और आप अपनी बात को लेकर कितना जानकार हैं यह महत्वपूर्ण होता है।

3) सोचे, समझें फिर जवाब दें

इंटरव्यू के दौरान अगर इंटरव्यू लेने वाले के किसी प्रश्न को सुनकर आपको तुरंत उत्तर नहीं आ रहा है तो आप अचानक ठहर जाते हैं, इस बात में कोई हर्ज़ नहीं है। जवाब देने की जल्दबाजी कभी नहीं होनी चाहिए। खुद को भी थोड़ा वक्त जरूर दें।

4) बातचीत के संकेत को समझें

सबसे खास होता है अपने दिल की सुनना। अगर आपको यह आभास होता है कि सामने वाले से असहमति जताना ठीक नहीं होगा, तो ज्यादा बात करने से बचें। इसके बाद विचार करें कि आपने बातचीत के समय कैसा महसूस किया है। क्या आप चर्चा के बाद उत्साहित और आत्मविश्वास से भरे थे।

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Dr. Kirti Sisodhia

Content Writer

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