दुनियाभर में भारत से जुड़े लोग अपनी छाप छोड़ रहे हैं। इस लिस्ट में अब लीना नायर का भी नाम जुड़ गया है। लीना का संबंध भारत से है और हाल ही में उन्हें लंदन में फ्रांस के लग्जरी ग्रुप Chanel का ग्लोबल चीफ एग्जीक्यूटिव नियुक्त किया गया है। लीना इससे पहले यूनिलीवर में चीफ ह्यूमन रिसोर्स ऑफिसर (CHRO) थीं।
क्या है Chanel (शनैल) ग्रुप?
यह फ्रांस का लग्जरी ग्रुप है। यह इंटरनेशनल ब्रांड अपने ट्वीड सूट, क्विल्टेड हैंडबैग और No. 5 परफ्यूम के लिए दुनियाभर में पहचाना जाता है। ग्लोबली इसके बड़े आउटलेट्स भी हैं। भारत में भी नई दिल्ली, मुंबई जैसे महानगरों में Chanel (शनैल) के स्टोर मौजूद हैं।
कौन हैं Leena Nair ?
लीना नायर का संबंध महाराष्ट्र के कोल्हापुर से है। उन्होंने झारखंड के सेंट जेवियर्स स्कूल ऑफ मैनेजमेंट से अपनी पढ़ाई की है और गोल्ड मेडल भी जीता है। लीना ने हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड (HUL) में 30 साल पहले एक मैनेजमेंट ट्रेनी के तौर पर अपने करियर की शुरुआत की थी। यहीं वे 2016 में CHRO बनीं। लीना यूनिलीवर की पहली महिला और सबसे कम उम्र की CHRO थीं। नवंबर में लीना नायर को फॉर्चून इंडिया ने Most Powerful Women की लिस्ट में शामिल किया था।
Leena Nair की उपलब्धियां!
• जमशेदपुर के जेवियर्स स्कूल ऑफ मैनेजमेंट से MBA में गोल्ड मेडलिस्ट।
• 2013 में एंग्लो-डच कंपनी के लंदन हेक्वार्टर में लीडरशिप और ऑर्गेनाइजेशन डेवलपमेंट की ग्लोबल वाइस प्रेसिडेंट का पद संभाला था।
• 2016 में यूनिलीवर की पहली महिला CHRO बनीं।
• पहली एशियाई और सबसे कम उम्र की CHRO बनीं।
• नायर नवंबर में फॉर्चून इंडिया की मोस्ट पावरफुल वुमेन लिस्ट में शामिल थीं।
सोशल मीडिया पर जताया आभार
लीना ने सोशल मीडिया पर थैंक्यू कहा है। उन्होंने शनैल ज्वाइन करने के बाद सोशल मीडिया पर लिखा- “शनैल के साथ बतौर CEO काम करना मेरे लिए सम्मान की बात है। यह एक Prestigious कंपनी है। मुझे हमेशा इस बात का गर्व रहेगा कि मैंने यूनिलीवर में काम किया है। यहां मुझे बहुत सम्मान और प्यार मिला। सोशल मीडिया पर मिले हर एक व्यक्ति के कमेंट मैं पढ़ रही हूं। मैं हर एक का जवाब नहीं दे सकती पर मैं सभी का धन्यवाद करना चाहती हूं।
विश्व की बड़ी कंपनियों में भारतीयों का दबदबा
लीना नायर के हाथों में Chanel की कमान मिलना यह बताता है कि पूरी दुनिया भारतीयों का लोहा मानती है। हाल के दिनों में वैश्विक स्तर पर बड़ी कंपनियों में भारतीयों का दबदबा बढ़ा है। पिछले दिनों ट्विटर की कमान भारतीय मूल के पराग अग्रवाल ने अपने हाथों में ली थी वहीं, माइक्रोसॉफ्ट, गूगल (अल्फाबेट), अडोबी, आईबीएम जैसी बड़ी कंपनियों की जिम्मेदारी भारतीय बखूबी निभा रहे हैं।