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दापयित्वा करं धर्म्यं राष्ट्रं नित्यं यथाविधि | अशेषान्कल्पयेद्राजा योगक्षेमानतन्द्रितः ।।
बजट 2022-23: महाभारत के शांतिपर्व के 72वें अध्याय के इस 11वें श्लोक का जिक्र वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी 2022 को बजट के दौरान किया। इस श्लोक का अर्थ है कि- “किसी राष्ट्र का राजधर्म किसी भी विधि से जनता का कुशलक्षेम और कल्याण ही है।” यानि कि अपने उद्बोधन में ही वित्त मंत्री ने यह साफ कर दिया कि-“बजट में लिए गए कुछ निर्णय कठोर क्यों न हो पर वह राष्ट्र के हित में होगा।“ वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि- “इस बजट से आने वाले 25 सालों की बुनियाद रखी जाएगी। इस साल भारत की अर्थव्यवस्था में 9.2 प्रतिशत से भी ज्यादा की वृद्धि होने का अनुमान है, जो दुनिया की सभी बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे ज्यादा है। वहीं अगर जीडीपी के बाद बजट 2022 की बात की जाए तो सरकार 39.44 लाख करोड़ रुपए खर्च करेगी। आइए जानते हैं सरकार के इस बजट में किसे क्या मिला।

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