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नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) 25 फरवरी से T+1 सेटलमेंट रूल लागू कर रहे हैं। इस नियम के लागू होने के बाद ग्राहकों को पैसे और शेयर 24 घंटे के भीतर ही मिलने लगेंगे। हालांकि ये नियम फिलहाल चुनिंदा शेयरों पर ही लागू होंगे। बाद में इसमें दूसरे शेयरों को जोड़ा जाएगा। भारत में अभी T+2 सेटलमेंट सिस्टम है।
क्या है T+1, T+2, T+3 सेटलमेंट ?
अकाउंट में शेयरों का ऑफिशियल ट्रांसफर और सेलर अकाउंट में बेचे गए शेयरों के कैश ट्रांसफर को ही सेटलमेंट सिस्टम कहा जाता है। भारतीय स्टॉक एक्सचेंज फिलहाल T+2 को फॉलो करती है। यानी कि ऑर्डर के एग्जीक्यूट होने पर फंड और सिक्योरिटी आपके अकाउंट में आ जाएंगे। उदाहरण के लिए अगर कोई बुधवार को शेयर बेचता है। तो T+2 के अनुसार 2 बिजनेस डेज में शेयरों के पैसे आपके अकाउंट में ट्रांसफर हो जाएंगे। वहीं अगर कोई शेयर खरीदता है तो ये शेयर 2 दिन में ग्राहक के डिमेट अकाउंट में क्रेडिट हो जाएगा।
T+1 से 24 घंटे में मिल सकेंगे शेयर और पैसे
अप्रैल 2003 में सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) की तरफ से T+2 सेटलमेंट सिस्टम को शुरू करने से पहले, भारत में T+3 सेटलमेंट सिस्टम लागू था। इससे शेयरों और पैसे को खाते में जमा होने में तीन दिन लग जाते थे। अब, T+1 सिस्टम के लागू होने के साथ 24 घंटों के भीतर शेयर और पैसे आपके अकाउंट में आ जाएंगे।
क्यों लाया गया सेटलमेंट साइकिल?
सेबी ने पिछले साल सितंबर में इस प्लान का प्रपोजल देते हुए कहा था कि उन्हें सेटलमेंट साइकिल छोटा करने के लिए कई स्टेकहोल्डर्स रिक्वेस्ट कर रहे थे। जिसके बाद SEBI ने एक्सचेंजों को नया साइकिल लागू करने का विकल्प दिया था। पिछले ही साल नवंबर में, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) ने एक जॉइंट स्टेटमेंट में यह बात कही थी कि वे फरवरी 2022 से चरणबद्ध तरीके से नई प्रणाली को लागू करे देंगे।
नए T+1 Settlement Rule से क्या फायदा होगा?
- पे-इन/पे-आउट डिफॉल्ट का रिस्क कम हो जाएगा।
- ट्रेडिंग अकाउंट का मार्जिन सिर्फ एक दिन के लिए ब्लॉक होगा जिससे ट्रेडिंग वॉल्यूम में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी।
- इक्विटी मार्केट में रिटेल पार्टिसिपेशन के बढ़ने की संभावना होगी।
इसके साथ ही सेबी ने यह भी बताया है कि सभी तरह के सिक्योरिटी ट्रांजैक्शन में ये सिस्टम लागू होगा। अगर एक्सचेंज में कोई भी शेयर T+1 में शामिल होगा तो रेगुलर मार्केट डील की ही तरह ब्लॉक डील में भी इसका पालन होगा।