
भारत को आने वाले समय में पीएम मोदी की पहल से चिप और सेमीकंडक्टर की कमी से जूझना नहीं पड़ेगा। पीएम मोदी ने अपने विदेश कार्यक्रम के दौरान अमेरिका में टेक्नोलॉजी सेक्टर के प्रमुख कंपनी Qualcomn के सीईओ Cristiano R Amon से मुलाकात की। इस बैठक में पीएम मोदी ने भारत में 5जी टेक्नोलॉजी सहित, स्मार्ट कार्ड और गैजेट्स के प्रोडक्शन में निवेश संबंधी चर्चा की।
दरअसल पूरी दुनिया में इन दिनों चिप और सेमीकंडक्टर की कमी चल रही है। जिसकी वजह से इलेक्ट्रॉनिक्स, मोबाइल और ऑटोमोबाइल सेक्टर्स के प्रोक्डशन क्षेत्र में दुनिया को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
पीएम मोदी के बैठक के नतीजे
इस बैठक के काफी सकारात्मक प्रभाव देखने को मिले। Cristiano R Amon ने कहा कि ” हमें भारत के साथ अपनी साझेदारी पर बहुत गर्व है। हम भारत के साथ मिलकर जो कुछ भी कर रहे हैं उससे खुश हैं। हमने प्रौद्योगिकी के भविष्य के बारे में बात की। हमने 5जी के बारे में बात की। हमने भारत में प्रौद्योगिकी के निर्यात के रूप में उद्योग को आगे बढ़ाने के अविश्वसनीय अवसरों के बारे में बात की, जैसा कि हम भारत में 5G द्वारा डिजिटल परिवर्तन की संभावना के बारे में सोचते हैं। हमने सेमी-कंडक्टर के बारे में बात की। यह बातचीत का एक महत्वपूर्ण विषय था। बातचीत से बहुत खुश हैं और हम हर चीज से बहुत खुश हैं।“
भारत और ताइवान एक समझौता करने की तैयारी कर रहे हैं जिससे भारत में चिप बनाने वाली कंपनियों को आमंत्रित किया जा सके। भारत सरकार ने इसके लिए तैयारी करने की शुरूआत कर ली है। जिसके तहत ऐसे नियम बनाए जा रहे है कि साल के अंत तक भारत में सेमीकंडक्टर बनाने के लिए सरकार टैरिफ में छूट देगी। चिप का कारोबार सालाना 7.5 अरब डॉलर का है। भारत 5जी डिवाइस से लेकर इलेक्ट्रिक कार तक हर सामान बनाने के लिए सक्षम कंपनियों के आमंत्रित करना चाहती है। इस समय भारत पर्याप्त जमीन, पानी और श्रम की उपलब्धता वाले क्षेत्रों में काम करने के लिए जुटा है, ताकि भारत में इसका बेहतर बाजार स्थापित हो और आने वाले समय में भारत चिप और सेमीकंडक्टर जैसे सामानों के लिए पूरी तरह से किसी और पर निर्भर न हो।