Nirmala Sitaraman, Loksabah Election 2024: देश में चुनावी बिगुल बज चुका है। 7 चरणों में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए राजनीतिक पार्टियां अपना जोर लगा रही हैं। साल 2024 में किसकी सत्ता देश पर कायम होगी ये तो चुनाव के नतीजे ही बताएंगे। लेकिन हम चुनाव से जुड़ा एक दिलचस्प किस्सा आपको बताने जा रहे हैं। साथ एक ऐसे राजनीतिक व्यक्तित्व की बात भी करेंगे जो लोकसभा चुनाव नहीं लड़ना चाहती हैं लेकिन देश की कद्दावर राजनीतिज्ञ के तौर पर उनकी पहचान है। हम बात करेंगे देश की वित्त मंत्री (Finance Minister) निर्मला सीतारमण की, जानेंगे कैसे उन्होंने राजनीति में प्रवेश किया और कैसा रहा उनका अब तक का सफर…
पहले बात खबर की
दरअसल देश की सत्तारूढ़ पार्टी ने वित्त मंत्री (Finance Minister) निर्मला सीतारमण को दो जगहों से चुनाव लड़ने का ऑफर दिया था लेकिन उन्होंने इसे विनम्रता पूर्वक ठुकरा दिया। निर्मला सीतारणम (Nirmala Sitaraman) ने लोकसभा चुनाव 2024 (Loksabah Election 2024) नहीं लड़ने पर बात करते हुए कहा कि, “मैंने 10 दिनों तक सोच विचार किया और बाद में पार्टी से माफी मांग ली और कहा मैं शायद ऐसा नहीं कर पाउं। क्योंकि मेरे पास उतने पैसे नहीं है जितने चुनाव जीतने के लिए जरूरत होगी। उन्होंने ये भी कहा कि, “आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में चुनाव जीतने के लिए कई चीजों के अलग मायने हैं। जैसे आप किस समुदाय से आते हैं, आपका धर्म क्या है, क्या आप इससे संबंध रखती हैं। इसलिए मुझे नहीं लगता है कि मैं इस तरह की स्थितियों का सामना कर पाउंगी।“
निर्मला सीतारमण के बारे में
18 अगस्त 1959 को तमिलनाडु के मदुरै में निर्मला सीतारमण का जन्म एक ब्राह्मण परिवार में हुआ। 1980 में उन्होंने तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली के सीतालक्ष्मी रामास्वामी कॉलेज से इकोनॉमिक्स में ग्रेजुएशन हासिल की और फिर दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) से अंतरराष्ट्रीय अध्ययन विषय में एम फिल की डिग्री ली। सीतारमण ने प्राइस वॉटर हाउस कूपर्स के साथ सीनियर मैनेजर (रिसर्च एंड एनालिस्ट) के तौर पर अपनी सेवाएं दी हैं। उन्होंने कुछ समय के लिए BBC World के लिए भी काम किया। उन्होंने कुछ समय तक लंदन में एग्रीकल्चरल इंजीनियर्स एसोसिएशन में अर्थशाशस्त्री के सहायक के रूप में भी अपनी सेवाएं दी हैं। भारत लौटकर उन्होंने सेंटर फॉर पब्लिक पालिसी स्टडीज में उप-निदेशक के तौर पर भी काम किया। निर्मला सीतारमण की शादी डॉ. परकल प्रभाकर से हुआ जो लंदन के स्कूल ऑफ इकॉनोमिक्स और JNU के पूर्व छात्र रह चुकें हैं।
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राजनीतिक सफर
2008 में निर्मला सीतरमण (Nirmala Sitaraman) BJP में शामिल हुईं और साल 2014 तक पार्टी की राष्ट्रीय प्रवक्ता के तौर पर काम किया। 2014 में उन्हें राज्य मंत्री के रूप में मोदी कैबिनेट में महत्वपूर्ण जगह मिली। 2014 में ही जून महीने में वह आंध्र प्रदेश से राज्यसभा सदस्य के रूप में चुनी गईं। मई 2016 में वह राज्यसभा चुनाव के लिए BJP द्वारा नामित 12 उम्मीदवारों में से एक थीं। निर्मला सीतारमण ने कर्नाटक से सफलतापूर्वक चुनाव लड़ा और जीत हासिल की।
उपलब्धियां
निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitaraman) ने साल 2003 से 2005 के दौरान राष्ट्रीय महिला आयोग के रूप में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभा चुकी हैं। 3 सितंबर 2017 को उन्हें देश की रक्षा मंत्री बनने का गौरव मिला। सीतारमण पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के बाद देश के रक्षा मंत्रालय की कमान संभालने वाली आजाद भारत की दूसरी महिला नेता बनीं। साथ ही वो स्वतंत्र रूप से पहली पूर्णकालिक महिला रक्षामंत्री भी बनीं। निर्मला सीतारमण ने 26 मई 2014 से 3 सितंबर 2017 तक भारत की वाणिज्य और उद्योग (स्वतंत्र प्रभार) तथा वित्त व कारपोरेट मामलों की राज्य मंत्री के तौर पर भी अपनी सेवाएं दी हैं। सीतारमण मई 2019 में मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में उन्हें वित्त मंत्री का पद दिया गया।