New banking law: लोकसभा में बैंकिंक कानून संशोधन बिल को मंजूरी मिलने के बाद अब बैंकिंग से जुड़े कानूनों को कुछ नए प्रावधान के साथ लाया गया है। इन नए प्रावधानों के बाद अब एक नॉमिनी में एक नाम की जगह, चार लोगों के नाम दिए जा सकेंगे। जानते हैं नए कानून में क्या-क्या बदलाव किए गए हैं।
मिलेगी 4 नॉमिनी की सुविधा
बैंकिंग कानून संशधोन विधेयक 1949 के मुताबिक अब अकाउंट होल्डर एक से ज्यादा लोगों का नाम नॉमिनी के रूप में दे सकते हैं। बिल के अनुसार नॉमिनी एक से अधिक लेकिन 4 से ज्यादा नहीं हो सकते। नॉमिनी के नाम के साथ ही डिपॉजिट अमाउंट का अनुपात भी लिखना होगा जो उसे मिलना है। अगर जमा राशि के मिलने से पहले किसी नॉमिनी का निधन हो जाताहै तो उस नॉमिनी का नॉमिनेशन रद्द माना जाएगा। ऐसे में उसे मिलने वाले डिपॉजिट अमाउंट के अनुपात को माना जाएगा कि उस अनुपात के लिए कोई नॉमिनेशन नहीं किया गया था।
क्यों बढ़ाई गई नॉमिनी की संख्या?
नए बैंकिंग कानून के आ जाने से अब बैंकों में जमा अनक्लेम्ड डिपॉजिट्स की समस्या नहीं होगी। वर्तमान स्थिति में देखें तो अलग-अलग बैंकों में अब तक कुल 78 करोड़ रुपए जमा हैं जिनके कोई दावेदार नहीं हैं। यह स्थिति अब तक एक नॉमिनी होने की वजह से हुई है। 4 नॉमिनी का विकल्प देने के पीछे यही मुख्य वजह है। जिससे खाता धारक की मृत्यु होने पर बैंक नॉमिनी को रकम सौंप सकती है।
रिपोर्टिंग की तारीख में भी बदलाव
अब तक देश के सभी बैंक रेगुलेटरी कम्प्लाइंस के लिए आरबीआई को महीने के दूसरे और चौथे शुक्रवार को रिपोर्ट करते थे। लेकिन अब बिल में किए गए नए प्रस्ताव के मुतापबिक सभी बैंक, केंद्रीय बैंक को को महीने के 15वें दिन और आखिरी दिन रिपोर्ट करना होगा
कोऑपरेटिव बैंक में क्या बदलेगा?
विधेयक में किए गए संशोधन के बाद अब कोऑपरेटिव बैंक के डायरेक्टर्स का कार्यकाल 8 साल से बढ़ाकर 10 साल किया जाएगा। इसमें पूर्णकालिक निदेशक या चेयरमैन शामिल नहीं होंगे।
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IEPF से जुड़ा नया प्रावधान
नए प्रावधान के बाद अब इनवेस्टर, लाभांश, शेयर और बॉन्ड भुगतान को IEPF में ट्रांसफर कर सकते हैं। यह बदलाव इनवेस्टर्स को फंड पर दावा करने और रिफंड पाने की अनुमति देगा। निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए यह महत्वपूर्ण बदलाव है।