Highlights:
• भारत सरकार ने फाइबर और जिओ-टेक्सटाइल के क्षेत्रों में 30 करोड़ रुपये के रिसर्च को मंजूरी दी।
• 20 स्ट्रेटेजिक रिसर्च शामिल हैं।
• राष्ट्रीय तकनीकी वस्त्र मिशन’ के अंतर्गत लॉच।
चर्चा में क्यों हैं?
भारत सरकार अब टेक्सटाइल के क्षेत्र में नई संभावनाओं के लिए रास्ते बना रही है। हाल के दिनों में सरकार ने National Technical Textiles Mission के तहत 30 करोड़ रुपए के रिसर्च प्रोजेक्ट को मंजूरी दी है। जिसमें 20 Strategic Research Projects भी शामिल हैं। इन प्रोजेक्ट्स को सरकार ने ‘राष्ट्रीय तकनीकी वस्त्र मिशन’ के अंतर्गत लॉच किया है। 20 रिसर्च प्रोजेक्ट्स में से 16 प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी गई थी। जिनमें स्वास्थ्य सेवा में 5, औद्योगिक और सुरक्षात्मक क्षेत्र में 4, ऊर्जा भंडारण में 3, कपड़ा waste recycling में 3 और कृषि क्षेत्र में 1 प्रोजेक्ट शामिल हैं।
Geo-textile (infrastructure) में 4 प्रोजेक्ट
भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास के लिए रणनीतिक परियोजनाओं को मंजूरी देने वाले इस सत्र में कई बड़े भारतीय संस्थान, उत्कृष्टता केंद्र और IIT, BTRA, DRDO, जैसे सरकारी संगठन प्रतिभागी बनें।
ये प्रोजेक्ट्स मुख्य रूप से हेल्थकेयर, एनर्जी स्टोरेज, एग्रीकल्चर, Industrial & Protective, टेक्सटाइल वेस्ट रिसाइकलिंग और इंफ्रास्ट्रक्चर में आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बढ़ते कदम हैं।
क्या है National Technical Textiles Mission?
भारत को तकनीकी वस्त्रों में ग्लोबली पहचान देने और घरेलू बाजार में तकनीकी वस्त्रों के उपयोग को बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय तकनीकी वस्त्र मिशन(National Technical Textiles Mission) को शुरू किया गया था। इसका उद्देश्य घरेलू बाजार के आकार को 2024 तक 40-50 बिलियन डॉलर तक ले पहुंचाना है। यह मिशन 2020-2021 से शुरू होकर चार साल के लिए लागू होगा।
राष्ट्रीय तकनीकी वस्त्र मिशन की विशेषताएं
• यह 1,000 करोड़ रुपये के साथ रिसर्च, विकास और नवाचार पर केंद्रित है। जियो, मेडिकल, एग्रो, स्पोर्ट्स, मोबाइल टेक्सटाइल्स और बायो-डिग्रेडेबल टेक्निकल टेक्सटाइल्स के विकास में फाइबर लेवल के साथ-साथ application-based research किया जायेगा। रिसर्च गतिविधियाँ देशी मशीनरी और प्रोसेस उपकरणों के विकास पर भी ध्यान केंद्रित करती हैं।
• यह तकनीकी वस्त्रों के लिए मार्केट प्रमोशन के विकास के लिए सहायक होगा।
• भारत से तकनीकी कपड़ा निर्यात को 14,000 करोड़ रुपये से 20,000 करोड़ रुपये तक ले जाने के लिए निर्यात प्रोत्साहन पर काम करेगा।
• मिशन के खत्म होने तक हर साल 10% औसत वृद्धि को सुनिश्चित करेगा।
• यह शिक्षा, प्रशिक्षण और कौशल विकास के लिए पर भी केंद्रित है।