लद्दाख और हिमाचल प्रदेश को जोड़ने वाली महत्वपूर्ण ‘शिंकुन ला टनल’ के लिए प्रधान मंत्री मोदी के नेतृत्व वाली कैबिनेट की मंजूरी के साथ, सीमा सड़क संगठन ने गति दिखाई है और एक सप्ताह के भीतर परियोजना के लिए बोलियां आमंत्रित की हैं। यह प्रोजेक्ट बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे साल भर, किसी भी मौसम में सेना के जवानों और हथियारों को लद्दाख से लाने-ले जाने में सुविधा होगी। चीन से लगी सीमा पर लगातार तनाव बना हुआ है, ऐसे में इस सुरंग के बनने से सेना को एक नया भरोसा मिलेगा। शिंकुन ला सुरंग लद्दाख के सीमावर्ती इलाकों तक पहुंचने का सबसे छोटा रास्ता होगा। यह सड़क इसलिए भी महत्वपूर्ण हो जाती है क्योंकि यह पाकिस्तान और चीन की लंबी दूरी की मिसाइलों से सुरक्षित है।
सुरंग की विशेषताएं
यह सुरंग विभिन्न सुरक्षा उपकरणों से सुसज्जित होगी, जिसमें प्रत्येक 150 की दूरी पर आपातकाली स्टेशन और जलापूर्ति की व्यवस्था रहेगी, इसके साथ ही सड़क संकेत, यातायात संकेत, सार्वजनिक घोषणा प्रणाली, सीसीटीवी और 24×7 काम करने वाले नियंत्रण केंद्र, आपातकालीन बिजली आपूर्ति, यातायात प्रबंधन और गश्ती दलों की सुविधा भी रहेगी। यही नहीं सुरंग में पर्याप्त वैंटिलेशन का भी ध्यान रखा जाएगा। सुरंग में यूनि-डायरेक्शनल (एक तरफा) ट्रैफिक व्यवस्था वाली जुड़वा सुंरगों को बनाया जाएगा, क्योंकि एक तरफा ट्रेफिक व्यवस्था से दुर्घटना के आशंका कम हो जाती है। इसके अलावा एक तरफा ट्रेफिक वेटिंलेशन सिस्टम के संचालन के लिए भी उपयुक्त होता है, क्योंकि पिस्टन प्रभाव जेट पंखों से आने वाली हवा कि गति को बनाए रखने में मदद करता है, वहीं वेंटिलेशन सिस्टम को भी काफी उन्नत बनाया जाना है। दूसरी टनल आपातकालीन सेवाओं के दौरान बचाव मार्ग और पहुंच मार्ग का काम करेगी।
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