फाइनेंशियल ईयर 2021-22 में यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) की ट्रांजैक्शन वैल्यू 1 लाख करोड़ डॉलर को पार हो गई है। पिछले दो सालों की बात करें तो इनमें UPI पेमेंट सिस्टम की ग्रोथ अब तक की सबसे ज्यादा रही है। अब देश के दूरदराज के इलाकों में भी यूपीआई का इस्तेमाल हो रहा है। लोग छोटी रकम की पेमेंट के लिए भी इसका उपयोग कर रहे हैं।
83.45 लाख करोड़ रुपए है UPI की ट्रांजैक्शन वैल्यू
नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने 29 मार्च तक का डाटा जारी किया है। इसके अनुसार फाइनेंशियल ईयर 2021-2022 में UPI की ट्रांजैक्शन वैल्यू 83.45 लाख करोड़ रुपए रही। डॉलर और रुपए के एक्सचेंज रेट के हिसाब से 1 लाख करोड़ (ट्रिलियन) डॉलर को रुपए में बदलने पर 75.82 लाख करोड़ रुपए होता है।
UPI पेमेंट सिस्टम में वॉल्यूम 500 करोड़ पार
ऐसा पहली बार हुआ है कि UPI पेमेंट सिस्टम में वॉल्यूम 500 करोड़ पार हुई है। पहली बार मार्च में UPI पेमेंट सिस्टम में वॉल्यूम 500 करोड़ को पार कर गया। मार्च की 29 तारीख तक 504 करोड़ ट्रांजैक्शन रिकॉर्ड हुए थे। वहीं मार्च (29 तारीख तक) में ट्रांजैक्शन वैल्यू की बात की जाए तो यह 8.8 लाख करोड़ रुपए रहा। जो कि फरवरी के मुकाबले 7.5% ज्यादा है।
9 लाख करोड़ रुपए पहुंच सकता है मंथली ट्रांजैक्शन वैल्यू
पिछले दो साल में UPI से ट्रांजैक्शन का चलन बढ़ा है। जिसकी सबसे बड़ी वजह कोरोना की महामारी भी है। इन दो सालों में UPI ने कई नए रिकॉर्ड बनाए हैं। अब UPI से मंथली ट्रांजैक्शन वैल्यू 9 लाख करोड़ रुपए तक पहुंचने वाली है। वित्त वर्ष 2021-22 की शुरुआत में UPI से कुल 260 करोड़ रुपए ट्रांजैक्शन हुए थे, जिनकी वैल्यू 4.93 लाख करोड़ रुपए थी। अब करीब एक साल बाद मंथली ट्रांजैक्शन वॉल्यूम 94% बढ़ा है, जबकि इसकी वैल्यू 80% तक बढ़ी है।
कुल ट्रांजैक्शन वैल्यू में UPI की 16 फीसदी हिस्सेदारी
देश में कुल रिटेल पेमेंट में UPI की हिस्सेदारी लगातार बढ़ रही है। फाइनेंशियल ईयर 2021-22 में कुल रिटेल पेमेंट का 60% UPI के जरिए हुआ है। हालांकि, UPI से पेमेंट में लो-वैल्यू ट्रांजैक्शन की ज्यादा हिस्सेदारी रही। फाइनेंशियल ईयर 2021-22 में कुल ट्रांजैक्शन वैल्यू में UPI की हिस्सेदारी 16% थी।