Highlights:
- वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रस्तुत किया आम बजट 2022-23
- महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए बजट में प्रावधान
- महिलाओं की शिक्षा के लिए बनेगी डिजीटल यूनिवर्सिटी
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को भारत का आम बजट प्रस्तुत किया। इस बजट से आम आदमी, स्टूडेंट्स, उद्यमी और महिलाओं सभी को काफी उम्मीदें थी। सभी कोविड महामारी से हुए नुकसान की भरपाई सरकार से चाहते थे। इसी बात को ध्यान रखते हुए सरकार ने कोरोना महामारी की तीसरी लहर के बीज बजट 2022-23 प्रस्तुत किया और इस बजट में लगभग हर वर्ग का ध्यान भी रखा गया है। इस बजट में महिलाओं के हक की बात की गई है। सरकार अब महिला सशक्तिकरण की दिशा में अपने बजट को बढ़ाएगी। वित्त मंत्री ने बजट पेश करते हुए कहा कि- सरकार नारी सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध है।
महिलाओं को बजट में क्या मिला?
- डिजिटल यूनिवर्सिटी बनाई जाएगी, ताकि बेटियों को घर बैठे शिक्षा मिल सके।
- आत्मनिर्भर भारत के तहत 16 लाख युवाओं को नौकरियां दी जाएंगी, जिसमें महिलाओं की संख्या का भी ध्यान रखा गया है।
- 60 लाख नई नौकरियां आएंगी जिसमें महिलाओं को भी फायदा मिलेगा।
- महिलाओं के लिए 30 लाख अतिरिक्त नौकरियों का सृजन किया जाएगा।
- महिलाओं और बच्चों को पोषण और स्वास्थ्य की सुविधा दी जाएगी।
- 2 लाख आंगनबाड़ियों को सक्षम आंगनबाड़ियों के रूप में विकसित किया जाएगा।
- महिलाओं को लाभ पहुंचाने के लिए मिशन शक्ति, मिशन वात्सल्य जैसी योजनाएं चलाई जाएंगी।
नारी सशक्तिकरण को बल देंगी सरकार की योजनाएं
बजट भाषण देते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि हमारी सरकार ने महिलाओं को लाभ पहुंचाने के लिए महिला और बाल विकास मंत्रालय की मिशन शक्ति, मिशन वात्सल्य, सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0 जैसी योजनाओं को नया रूप दिया है। सक्षम आंगनवाड़ी एक नई पीढ़ी की आंगनवाड़ी होगी जिसमें स्वच्छ ऊर्जा से बेहतर बुनियादी ढांचा होगा। जो बचपन के विकास के लिए बेहतर वातावरण प्रदान करेगा। दो लाख आंगनबाड़ियों को अपग्रेड कर बेहतर बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि- घरेलू उद्योगों को मजबूत करने के लिए भी सरकार जरूरी कदम उठा रही है। सभी छोटे और लघु उद्योगों को 2 बढ़ाने के लिए लाख करोड़ रुपये की मदद मिलेगी।