Banking rights: ‘लंच है बाद में आना’ ये नहीं कह सकते बैंक अधिकारी, जानते हैं अपने अधिकार?

Banking rights: जहां बैंक में काम-काज की बात आती है। हममें से ज्यादा लोगों को बैंक की लंबी लाइन्स और भीड़ की याद जरूर आती होगी। वहीं अगर ये सरकारी बैंक से जुड़ा हो तो ये काम और भी ज्यादा मुश्किल लगता है।

वहीं अगर ऐसी स्थिति आ जाए कि आप बैंक समय पर तो पहुंच गए हैं लेकिन भीड़ के चलते लंच ब्रेक का टाइम करीब आ गया और आप पूरा दिन भीड़ में फंसे रह गए। ऐसे में एक अधिकार का इस्तेमाल आप कर सकते हैं। दरअसल इस नियम में ये कहा गया है कि कोई भी बैंक का अधिकारी आपको ‘लंच ब्रेक है बाद में आना’ ये नहीं कह सकता है।

जानते हैं ऐसा क्यों है और इसके क्या फायदे हैं…

कस्टमर के बैंकिंग अधिकार

भारत में बैंकिंग सुविधा का इस्तेमाल करने वाले हर कस्टमर को कुछ बैंकिंग अधिकार (Banking rights) मिले हुए हैं। इस खास अधिकार के बारे में जानने से पहले जानते हैं कि आपको बैंक से जुड़े और कौन से अधिकार मिले हैं।

दरअसल आपके अधिकारों में ये शामिल है कि, बैंक अधिकारी कस्टमर से गलत व्यवहार नहीं कर सकता है। इसके अलावा मारपीट, जेंडर, धर्म और उम्र पर कोई गलत बात नहीं कर सकता है। वहीं डरा धमकाकर किसी कॉन्ट्रैक्ट पर सिग्नेचर भी नहीं करवाया जा सकता है।

अगर बैंक का अधिकारी आपको किसी स्कीम में बेवकूफ बनाकर निवेश करवाता है तो उस पर कार्यवाई होगी। इसके अलावा बैंक अधिकारी किसी दूसरे को व्यक्ति को कस्टमर की पर्सनल डिटेल्स शेयर नहीं कर सकता है।

अगर आप कस्टमर हैं तो आपको बैंक अधिकारी बैंक अकाउंट से जुड़ी जानकारी देने से मना नहीं कर सकता है। चेक कलेक्शन में देरी होने पर कस्टमर को बैंक से मुआवजा पाना का अधिकार भी मिला है। अगर कस्टमर के अकाउंट से कोई अनऑथराइज्ड ट्रांजेक्शन हुआ है तो उसके लिए बैंक अपने कस्टमर को जिम्मेदार नहीं ठहरा सकते हैं।

लंच का बहाना नहीं मार सकते हैं बैंक कर्मचारी

कुछ साल पहले एक RTI एक्टिविस्ट ने बैंकों से जुड़ी क्वेरी को लेकर कुछ जवाब SBI से मांगे थे। RBI ने आम आदमी के बैंकिंग अधिकार (Banking rights) पर जवाब दिया था। RBI ने कहा था कि बैंक कर्मचारी एक साथ लंच पर नहीं जा सकते हैं। बैंक कर्मचारी एक एक करके लंच करते हैं। इस समय नॉर्मल ट्रांजेक्शन होते रहेंगे। यानी कि बैंक के काउंटर लंच ब्रेक के दौरान भी बंद नहीं रहेंगे।

बैंक सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक बिना लंच ब्रेक पर सेवा देगा। वहीं कई बार ऐसा देखा जाता है कि कुछ पब्लिक सेक्टर के बैंकों में लंच टाइम का बोर्ड लगा दिया जाता है। लंच के नाम पर कस्टमर इंतजार करते रह जाते हैं।

जबकि नियमों के मुताबिक ऐसा नहीं हो सकता है। जिसका मतलब है कि लंच ब्रेक मे बैंक के गेट बंद नहीं किए जा सकते हैं। काउंटर पर कस्टमर्स को अटेंड करने के लिए हमेशा कोई न कोई हो इसका ध्यान बैंक को रखना चाहिए।

कहां करें शिकायत?

अगर कोई कर्मचारी काम करने से मना करता है। या फिर आपको घंटों इंतजार करवाता है तो आप इसकी शिकायत कर सकते हैं। आप बैंक में रखे शिकायत रजिस्टर्ड में इस बात को लिखें। अगर आपकी शिकायत को गंभीरता से नहीं लिया जाता है तो आप बैंक मैंनेजर से शिकायत भी कर सकते हैं।

इसके इलावा शिकायत करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक, लोकपाल या उपभोक्ता फोरम में भी शिकायत की जा सकती है। RBI की वेबसाइट cms.rbi.org.in पर या ईमेल भेजकर भी शिकायत कर सकते हैं। इसके लिए टोल फ्री नंबर 14448 भी मौजूद है।

Positive सार

आपको हर उस सुविधा और अधिकार के बारे में जानकारी होनी चाहिए जो आपके लिए बनाए गए हैं। बैंक से जुड़े अधिकार (Banking rights) भी इसीलिए हैं। लेकिन कई बार कई लोग इस अधिकार का गलत इस्तेमाल करते हैं। बैंकिग जैसे जटिल कार्य के लिए थोड़ा समय तो लगता ही है। ऐसे में अपने विवेक का इस्तेमाल करते हुए अपने अधिकारों का उपयोग करना हमारे मोरल वैल्यूज में शामिल होना चाहिए।

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Rishita Diwan

Content Writer

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