
हरियाणा के भिवानी के रहने वाले डॉक्टर शिवदर्शन मलिक Eco friendly घर तैयार करते हैं। वो मिट्टी और चूने को मिलाकर एक ईंट बनाते हैं। इसे बनाने में ना तो आग लगती है और ना ही पानी का कोई असर होता है। डॉक्टर शिव दर्शन मलिक ने अब तक अपने इस अनोखे इनोवेशन से देश के कई इलाकों में कई घर बनाकर दिए हैं।
खास तकनीक से बनाई गई है ये ईंट
इस ईट को बनाने के लिए ईट को सुखाकर इनकी चिनाई भी इसी तरह के एक मैटेरियल से की जाती है। यह घर पूरी तरह इको फ्रैंडली घर बन जाता है। दीवारों की चिनाई गोबर-मिट्टी और चूने से बनी ईटों से की जाती है। घर की छत बनाने के लिए बांस का इस्तेमाल किया जाता है। आड़े और तिरछे बांस को बिछाकर इसके ऊपर फिर से यही गोबर-मिट्टी और चूने के लेप से 4 इंच मोटी परत तैयार की जाती है। यह बिल्कुल छत की तरह ही होती है। इसकी छत को नॉर्मल घर की तरह ही यूज किया जा सकता है।
इको फ्रेंडली घर
डॉ शिव दर्शन मलिक कहते हैं कि गोबर से तैयार इस घर को पूरी तरह इको फ्रेंडली बनाया गया है और इसमें कहीं किसी कंक्रीट का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। इस तरह के घर को डॉक्टर मलिक ने गोक्रीट कहा है। गाय के गोबर से बनने वाला यह घर पर्यावरण के संरक्षण के लिहाज से काफी अच्छा है।
नेट ज़ीरो लक्ष्य
डॉक्टर मलिक के अनुसार पूरी दुनिया में इस समय जब नेट जीरो कार्बन की बातचीत हो रही है तब इस तरह के प्रयास की बहुत जरूरत महसूस की जाती है।
वाटर और फायर प्रूफ ईंट
Cow Dung से बने इन ईंट की खासियत है कि यह ना तो आग से जलती है ना ही पानी का कोई असर होता है। डॉक्टर शिव दर्शन मलिक ने कहा है कि उनका यह प्रयोग देश के कई इलाकों काम कर रहा है। उन्होंने राजस्थान के कई इलाकों के साथ हरियाणा में भी कई ऐसे घर बनाए हैं।