Organic Farming को बढ़ावा देने वाली ललिता की अनोखी है कहानी, सालाना 25 लाख की कमाई के साथ मिल चुके हैं कई अवार्ड!



Organic Farming: मध्य प्रदेश के बड़वानी की ललिता कई किसानों के लिए प्रेरणा बन रही हैं। ललिता अपने क्षेत्र में आर्गेनिक खेती तो कर ही रही हैं साथ ही सालाना 25 लाख रुपए की कमाई भी कर रही हैं। ललिता शरीफे की ऑर्गनिक खेती कर रही हैं। उन्होंने 30 एकड़ में शरीफे की खेती के लिए बाड़ लगाई है। ललिता की उपलब्धि सिर्फ इतनी नहीं है कि वे आर्गेनिक खेती से पैसे कमा रही हैं। बल्कि अब उनके काम से उन्हें कई अवार्ड तक दिए जा चुके हैं। मेहनत वाला काम होनो की वजह से बहुत से लोग खेती को छोड़ देते हैं लेकिन एमपी की यह महिला किसान अपनी सफलता से दूसरे किसानों को भी प्रेरित कर रही है।

ललिता मुकाती के बारे में

ललिता 30 एकड़ में शरीफा लगाकर सालाना पैसे कमा रही हैं। साथ ही आस-पास के लोगों को रोजगार भी मुहैया करवा रही हैं। उन्होंने ऑर्गेनिक फार्मिंग में कई बड़े बदलाव लाए हैं जिसकी वजह से उन्हें प्रधानमंत्री से अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है।

ऑर्गेनिक फार्मिंग के बारे में सोचने वाले लोगों के लिए ललिता मुकाती किसी प्रेरणा से कम नहीं हैं। उनके गांव का नाम बड़लाई है। 55 साल की ललिता मुकाती ने ₹6 लाख की लागत से 30 एकड़ में शरीफे की खेती की शुरूआत की थी। 

आज ये उत्पाद उन्हें 25 लाख रुपए तक की कमाई का लाभ दे रहे हैं। भारत सरकार से साल 1999 में ललिता को इनोवेटिव किसान पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है। यही नहीं उन्हें साल 2019 में हलधर पुरस्कार भी मिला है
ललिता ने इससे पहले 3 एकड़ जगह में ज्वार और मूंगफली की जैविक खेती की शुरूआत की थी। समय के साथ उनका अनुभव बढ़ता गया और उन्होंने अपनी मेहनत और लगन के बल पर आज 40 एकड़ जमीन पर आम, सीताफल, नींबू, आंवला, चीकू, गेहूं और डॉलर चना जैसी चीजों की खेती कर लोगों के लिए मिसाल कायम की है।

आज सिर्फ ललिता ही नहीं उनके बच्चे और पति भी जैविक खेती में उनका हाथ बंटा रहे हैं। बीए तक पढ़ाई कर चुकी ललिता मुकाती एक अच्छे खासे पेशेवर की तुलना में साल में दोगुना आमदनी कर लाभ कमा रही हैं। शुरुआत में 
रसायनिक खेती करने वाली ललिता मुकाती ने आम लोगों को बीमारियों से परेशान होता देखकर जैविक खेती की तरफ कदम बढ़ाया है।

Avatar photo

Dr. Kirti Sisodhia

Content Writer

ALSO READ

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *