PCB लेकर पढ़ने वाले छात्र हमेशा मेडिकल की फील्ड में जाकर डॉक्टर ही बनना पसंद करते हैं। कॉम्पीटिशन के दौर में जिन्हें नीट से सीट मिलती है वो आगे बढ़ जाते हैं लेकिन सीट नहीं मिलने वाले छात्र दूसरे ऑप्शन तलाशने लगते हैं।
बीता पिछला साल मेडिकल के क्षेत्र में करियर के कई संभावनाएं लेकर आया है जिनमें से एक फार्मेसी भी है। इस लेख के माध्यम से हम आपको बता रहे हैं कि फार्मेसी के क्षेत्र में आप कैसे अपना उज्जवल भविष्य बना सकते हैं।
भारत दुनिया के लिए फार्मास्युटिकल हब
प्राचीन समय से ही भारत विश्व का फार्मास्युटिकल हब रहा है। आप कल्पना करिए कि जब आधुनिक एलोपैथी नहीं थी तब से भारत के पास ‘आयुर्वेद’ था, इसमें तमाम तरह के बीमारियों के लिए इलाज के नुस्खे थे।, जो आज भी प्रचलन में हैं।
बता दें फिलहाल भारत कुल वैश्विक दवा निर्यात के 20% हिस्से के साथ, मात्रा के हिसाब से दुनिया का सबसे बड़ा जेनेरिक दवा प्रदाता बन चुका है। वड़ोदरा, अहमदाबाद, अंकलेश्वर, वापी, बद्दी, कोलकाता, विशाखापत्तनम, हैदराबाद, बैंगलोर, चेन्नई, मडगांव, नवी मुंबई, मुंबई, पुणे और औरंगाबाद इस इंडस्ट्री के सेंटर के रूप में प्रसिद्ध हैं।
फार्मेसी में करियर की बात
ऐसे छात्र जिन्होंने हाई स्कूल (10+2) में फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी विषय लिए हैं, जो बैचलर ऑफ मेडिसिन एंड बैचलर ऑफ सर्जरी (MBBS) और बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी (BDS) से अलग कोर्सेज की खोज में हैं, वे ये कोर्स कर सकते हैं।
उपलब्ध हैं करिअर के कई ऑप्शंस
ऐसा नहीं है कि फार्मेसी का कोर्स करने वाले सिर्फ केमिस्ट शॉप्स, मेडिकल स्टोर्स या डिस्पेंसरियों में नौकरियों तक ही सीमित हैं। इस गलतफहमी को दूर करें। फार्मेसी करने वालों के लिए करियर ऑप्शन की लंबी कतार है।
रिसर्च एंड डेवलपमेंट मैनेजर: चिकित्सा और दवा विज्ञान के लिए सामग्री पर लगातार शोध करने के लिए काम करते हैं।
फार्मेसिस्ट: विभिन्न सरकारी और प्रायवेट मेडिकल संस्थानों में फार्मेसिस्ट की मांग है।
फार्मा सेल्स रिप्रेजेंटेटिव: सभी दवा कंपनियों को अपने उत्पादों के मार्केटिंग और सेल्स के लिए उच्च प्रशिक्षित फार्मासिस्टों की जरूरत होती है।
सरकारी नौकरियों में अवसर: सरकारी नौकरियों में भी फार्मेसी वालों को वरीयता दी जाती है जैसे ड्रग इंस्पेक्टर, असिस्टेंट/डिप्टी ड्रग कंट्रोलर या स्टेट/सेंट्रल ड्रग कंट्रोलर – बी.फार्मा स्नातकों के पास ड्रग इंस्पेक्टर, असिस्टेंट/डिप्टी ड्रग कंट्रोलर या स्टेट/सेंट्रल ड्रग कंट्रोलर के रूप में नौकरी मिलती है। ड्रग इंस्पेक्टर नई दवाओं के विकास चरण के दौरान जरूरी गुणवत्ता, सुरक्षा और दक्षता मानकों का पालन करवाने का काम करता है। इनके लिए रिक्तियां विभिन्न सरकारी यूपीएससी और एसएससी भर्तियों के माध्यम से होती है।
फार्मास्युटिकल एजुकेटर के तौर पर: वे थ्योरी और प्रैक्टिकल कक्षाओं के माध्यम से छात्रों को फार्मेसी के विभिन्न पहलुओं के बारे में पढ़ाकर अकादमिक क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका मिलती है।
क्लिनिकल रिसर्च एसोसिएट: ये फार्मासिस्ट ड्रग डिस्कवरी टीमों का महत्वपूर्ण हिस्सा होते हैं। वे आमतौर पर फोर्मुलेशन और प्रक्रिया में सुधार और क्लिनिकल ट्रायल्स के क्षेत्रों में काम करने की पात्रता रखते हैं।
मेडिकल राइटर: बैचलर ऑफ फार्मेसी करने के बाद मेडिकल स्क्राइब, मेडिकल कोडर्स या मेडिकल ट्रांसक्रिप्शन के रूप में काम कर सकते हैं। इन्हें मेडिकल से संबंधित दस्तावेज आदि लिखने की भी जिम्मेदारी मिलती है।
Also Read: BORIS JOHNSON, THE PRIME MINISTER OF THE UNITED KINGDOM, PRAISES INDIA’S COVID VACCINATION CAMPAIGN.