NASA: नासा के जेम्स वेब स्पेस टेलिस्कोप (James Webb Space Telescope) की मदद से हमारे सौर मंडल (Solar System) के बाहर एक ग्रह पर कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) का पता लगाया है। ऐसा दुनिया में पहली बार हो रहा है। खोजा गया ग्रह एक गैस जायंट की तरह है और सूर्य के जैसे ही एक तारे के चारों ओर चक्कर लगाता है। नेचर जर्नल में प्रकाशित करने के लिए इस रिसर्च को भेजा गया है।
खोजे गए ग्रह पृथ्वी से 700 प्रकाश वर्ष दूर
इस एक्सोप्लैनेट की पहचान WASP-39 b नाम से है और यह पृथ्वी से 700 प्रकाश वर्ष की दूरी पर स्थित है। वैज्ञानिकों का कहना है, कि यह बृहस्पति (जुपिटर) के बड़े भाई के जैसे है। दोनों में अंतर यह है कि WASP-39 b गैस के कारण बृहस्पति की तुलना में 30% ज्यादा फूला हुआ दिखाई देता है। जबकि इसका वजन बृहस्पति के वजन का एक चौथाई है। हालांकि, इसका व्यास बृहस्पति से 1.3 गुना ज्यादा बड़ा है।
11 साल पहले खोजा गया था ग्रह
WASP-39 b पर तापमान करीब 900 डिग्री सेल्सियस है और यह अपने तारे के काफी करीब से चक्कर लगाता है। यहां एक साल का समय 4 दिन के बराबर है। रिसर्चर्स के अनुसार ग्रह को 2011 में ही खोजा गया था, मगर इसकी तस्वीर अब सामने आ गई है। 11 साल पहले रेडियो टेलिस्कोप की मदद से इसकी खोज हुई थी। इसके अलावा हब्बल टेलिस्कोप और स्पिट्जर स्पेस टेलिस्कोप से भी इसकी धुंधली तस्वीरें ली थीं।
CO2 का पता कैसे चला? इसके पीछे की कहानी यह है कि हब्बल और स्पिट्जर टेलिस्कोप्स ने WASP-39 b के वायुमंडल में भाप, सोडियम और पोटैशियम को खोजा गया था। अब जेम्स वेब टेलिस्कोप ने CO2 की मौजूदगी का पता लगा लिया है। ऐसा वैज्ञानिकों को गैस के रंग को देखकर पता लगा है। दरअसल गैस खास प्रकार के रंगों को सोखने का काम करती है, जिससे उनका पता लगाया जा सकता है।
फिलहाल इस एक्सोप्लैनेट की खोज नासा के ट्रांजिटिंग एक्सोप्लैनेट सर्वे सैटेलाइट (TESS) स्पेस टेलिस्कोप से हुई है। हालांकि, रिसर्च में शामिल प्रोफेसर रेने डोयोन का मानना है कि, दुनिया का सबसे शक्तिशाली जेम्स वेब स्पेस टेलिस्कोप इस रिसर्च में उनकी बेहतर मदद करेगा। TOI-1452b की अद्भुत दुनिया को एक्सप्लोर करने के लिए वैज्ञानिक जल्द ही वेब टेलिस्कोप को की मदद लेंगे इसे बुक करेंगे।